Buddh purnima 2024 : गौतम बुद्ध के जन्म की 5 रोचक बातें

अनिरुद्ध जोशी
मंगलवार, 21 मई 2024 (11:52 IST)
Gautam Buddha purnima 2024: बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध का जन्म बुद्ध पूर्णिमा के दिन लुंबनी में हुआ था। 23 मई 2024 वैशाखा पूर्णिमा को उनका जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। गौतम बुद्ध के जन्म की ऐसी 5 रोचक बातें जिन्हें शायद ही आप जानते होंगे। 
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1. जन्म समय : गौतम बुद्ध का जन्म ईसा से 563 साल पहले वैशाख माह की पूर्णिमा को जन्म हुआ था। इसी दिन 528 ईसा पूर्व उन्होंने बोधगया में एक वृक्ष के नीचे जाना कि सत्य क्या है और इसी दिन वे 483 ईसा पूर्व को 80 वर्ष की उम्र में दुनिया को कुशीनगर में अलविदा कह गए। गौतम बुद्ध का जन्म शाक्यवंशी क्षत्रिय समाज में हुआ था।
 
2. जन्म स्थान : नेपाल के लुम्बिनी वन में उनका जन्म हुआ था। उनकी माता कपिलवस्तु की महारानी महामाया देवी जब अपने नैहर देवदह जा रही थीं, तो उन्होंने रास्ते में लुम्बिनी वन में बुद्ध को जन्म दिया। कपिलवस्तु और देवदह के बीच नौतनवा स्टेशन से 8 मील दूर पश्चिम में रुक्मिनदेई नामक स्थान के पास उस काल में लुम्बिनी वन हुआ करता था। 
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3. जन्म के 7 दिन बाद माता का देहांत : उनका जन्म नाम सिद्धार्थ रखा गया। सिद्धार्थ के पिता शुद्धोदन कपिलवस्तु के राजा थे और उनका सम्मान नेपाल ही नहीं समूचे भारत में था। सिद्धार्थ के जन्म के सात दिन बाद ही उनकी माँ का देहांत हो गया था।
 
4. मौसी ने पाला : सिद्धार्थ की मौसी गौतमी ने उनका लालन-पालन किया क्योंकि सिद्धार्थ के जन्म के सात दिन बाद ही उनकी मां का देहांत हो गया था। गौतमी के कारण ही उनके नाम के आगे गौतम लगा।
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5. भविष्यवक्ता : बुद्ध के जन्म के बाद एक भविष्यवक्ता ने राजा शुद्धोदन से कहा था कि यह बालक चक्रवर्ती सम्राट बनेगा, लेकिन यदि वैराग्य भाव उत्पन्न हो गया तो इसे बुद्ध होने से कोई नहीं रोक सकता और इसकी ख्‍याति समूचे संसार में अनंतकाल तक कायम रहेगी। राजा शुद्धोदन सिद्धार्थ को चक्रवर्ती सम्राट बनते देखना चाहते थे इसीलिए उन्होंने सिद्धार्थ के आस-पास भोग-विलास का भरपूर प्रबंध कर दिया ताकि किसी भी प्रकार से वैराग्य उत्पन्न न हो। बस यही गलती शुद्धोदन ने कर दी और सिद्धार्थ के मन में वैराग्य उत्पन्न हो गया।

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