हेट स्टोरी 4 : फिल्म समीक्षा

समय ताम्रकर
हेट स्टोरी सीरिज का तीखापन और बोल्डनेस अब कम होती जा रही है। इस सीरिज की फिल्में अब महिला अत्याचार पर बातें करे तो हंसी आना स्वाभाविक है क्योंकि इन फिल्मों की कहानी का आधार ही महिला के जिस्म के इर्दगिर्द घूमता है। 
 
हेट स्टोरी 4 के अंत में कुछ आंकड़े दिखाए गए हैं कि हमारे देश में इतना महिलाओं पर अत्याचार होता है। इसके पहले फिल्म की दो हीरोइनों कम कपड़ों में इस तरह दिखाया गया है कि दर्शकों को रिझाया जा सके। यानी कुछ भी चिपकाया जा रहा है। 
 
हेट स्टोरी की कहानी दो लम्पट भाइयों राजवीर (करण वाही) और आर्यन (विवान भटेना) की है। ताशा (उर्वशी रौटेला) मॉडलिंग की दुनिया में बड़ा नाम कमाना चाहती है और उसकी खूबसूरती से प्रभावित होकर राजवीर उसकी मदद करता है। आर्यन की निगाह भी ताशा पर है जिसकी पहले से ही गर्लफ्रेंड है। ताशा को राजवीर मोहब्बत करता है जबकि आर्यन का इरादा सिर्फ रात बिताने का है। कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब आर्यन की गर्लफ्रेंड की मौत हो जाती है। इसके बाद कुछ राज खुलते हैं जो बेहद बचकाने हैं। 
 
समीर अरोरा की कहानी घिसी-पिटी है। इरोटिक-थ्रिलर देखने आए दर्शकों को इतना मेलोड्रामा झेलना पड़ता है कि बोरियत की हदें पार हो जाती है। फिल्म के कैरेक्टर भी ठीक से नहीं लिखे गए है। रिवेंज ड्रामा में रिवेंज लेने का जो प्लान बनाया गया है वो हास्यास्पद है।  
 
लड़कियों को देख लार टपकाने वाला राजवीर का जब मोहब्बत में देवदास जैसा हाल हो जाता है तो हंसी ही छूटती है। ताशा का किरदार तो और भी कन्फ्यूजिंग है। वो दोनों भाइयों को बड़ी‍ आसानी से मूर्ख बनाती रहती है। ये भाई न केवल भारत में बल्कि इंग्लैंड में भी मर्डर कर बड़ी आसानी से घूमते रहते हैं। 
 
सीधी-सादी मध्यमवर्ग की लड़की ताशा के पास इतना पैसा कहां से आ गया कि वह इंग्लैंड पहुंच कर बड़ी आसानी से अपने मिशन को कामयाब करती है। और भी स्क्रिप्ट में कई छेद हैं जो फिल्म की हवा निकाल देते हैं। 
 
फिल्म के तीनों नॉन एक्टर्स को इतने भारी-भरकम डॉयलॉग्स दिए हैं कि उनका बोझ उनसे उठाए नहीं बनता। कई बार उच्चारण गलत किए हैं। फिल्म को मॉडर्न लुक देने के लिए कई संवाद अंग्रेजी में रखे गए हैं और उनके सबटाइटल हिंदी में दिए गए हैं ताकि अंग्रेजी न समझने वाले हिंदी पढ़ कर समझ सके। यहां हिंदी लिखने में कई गलतियां की गई हैं। इतनी जद्दोजहद से तो बेहतर है कि सरल हिंदी में ही संवाद रखे जाते। 
 
विशाल पंड्या का निर्देशन भी कमजोर है। लोकेशन, सेट और कलाकारों को तो स्टाइलिस्ट तरीके से पेश किया है, लेकिन उनका प्रस्तुतिकरण कमजोर है। बात को उन्होंने बहुत लंबा खींचा है। इंटरवल के बाद तो 'द एंड' का ही इंतजार रहता है। बदले वाली बात को वे ठीक से दर्शा नहीं पाए। दर्शकों को उन्होंने खूब चौंकाने की कोशिश की है, लेकिन पकड़ने वाले तो बहुत पहले ही जान जाते हैं कि आगे क्या होने वाला है। वे फिल्म में थ्रिल पैदा नहीं कर पाए और लॉजिक को किनारे पर रख दिया। 
 
अभिनय के मामले में भी यह फिल्म कंगाल है। उर्वशी रौटेला को सेंट्रल कैरेक्टर मिला है। वे खूबसूरत लगी हैं, लेकिन अभिनय के मामले में उन्हें बहुत कुछ सीखना पड़ेगा। ड्रामेटिक सीन में तो उनसे कुछ करते ही नहीं बनता। विवान भटेना के चेहरे पर हमेशा गुस्से वाला भाव ही रहता है। रोमांस करते समय में भी वे गुस्से से भरे लगते हैं। फिल्म की वे सबसे कमजोर कड़ी साबित हुए हैं। करण वाही भी प्रभावित नहीं करते। इन दोनों कमजोर कलाकारों से अच्छा काम कर वे जरूर खुश हो सकते हैं। 
 
गुलशन ग्रोवर की तो ऐसे एंट्री की गई कि फिल्म में उनका रोल बहुत महत्वपूर्ण होगा, लेकिन वे सिर्फ गरजते ही रहे। इहाना ढिल्लो को ग्लैमर बढ़ाने के लिए रखा गया। 
 
सनी-इंदर का बैकग्राउंड म्युजिक बेहद लाउड है। गानों के नाम पर पुराना गीत 'आशिक बनाया आपने' ही ठीक-ठाक है बा‍की गाने तो फिल्म देखते समय अखरते हैं। 
 
कुल मिलाकर 'हेट स्टोरी 4' से हेट करने के कई कारण हैं। 
 
बैनर : टी-सीरिज़ सुपर कैसेट्स इंडस्ट्री लि.
निर्माता : भूषण कुमार, कृष्ण कुमार
निर्देशक : विशाल पंड्या
संगीत : मिथुन, आर्को प्रावो मुखर्जी, तनिष्का बागची, टोनी कक्कड़
कलाकार : उर्वशी रौटेला, करण वाही, विवान भटेना, गुलशन ग्रोवर, इहाना ढिल्लो
सेंसर सर्टिफिकेट : केवल वयस्कों के लिए * 2 घंटे 10 मिनट 41 सेकंड 
रेटिंग : 1/5 

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