डेडपूल 2 : मूवी रिव्यू

समय ताम्रकर
डेडपूल वयस्कों का सुपरहीरो है क्योंकि ये अन्य सुपरहीरो से काफी अलग है जो कि बच्चों का मनोरंजन करते हैं। डेडपूल दूसरे सुपरहीरोज़ का मजाक उड़ाता है। वह बदसूरत है। गालियां बकता है। फ्लर्टिंग करता है। उसे चोट भी लगती है। यहीं बातें उसे दूसरे सुपरहीरोज़ से जुदा बनाती है। 
 
सुपरहीरोज़ बोर भी करने लगे थे। उनकी कहानियां एक-सी होने लगी थी और इनके बीच डेडपूल ने थोड़ी ताजगी प्रदान की। डेडपूल को दर्शकों ने हाथों हाथ लिया और इसका दूसरा भाग 'डेडपूल 2' नाम से आया है। हालांकि इसे एक्समैन सीरिज़ की 11वीं फिल्म भी कहा जाता है क्योंकि डेडपूल भी एक ट्रेनी एक्समैन है। 
 
डेडपूल 2 पहली फ्रेम से दर्शकों को तैयार कर देती है कि आप अगले दो घंटे तक कैसी फिल्म देखने वाले हैं। फिल्म की शुरुआत धमाकेदार है जब डेडपूल और उसकी प्रेमिका कुछ सपने देखते हैं, लेकिन ये जल्दी ही ध्वस्त हो जाते हैं। इसके बाद कहानी अलग-अलग मोड़ लेती है जिसमें एक्शन, कॉमेडी के साथ इमोशन के लिए भी जगह बनाई गई है। बीच में जरूर फिल्म थम-सी जाती है, लेकिन फिर यह फिल्म रफ्तार पकड़ लेती है।  
 
फिल्म की कहानी बहुत दमदार नही हैं, लेकिन इसे देखने लायक बनाते हैं इसके किरदार। कहानी पर किरदार भारी पड़ते हैं क्योंकि हर किरदार मजेदार है जो लगातार मनोरंजन करता है। 
 
डेडपूल 2 खुद को गंभीरता से नहीं लेता, हर बात मजाक में उड़ाता है, खुद पर भी हंसता है, इसलिए दर्शक भी हर बात को गंभीरता से नहीं लेते हैं और परदे पर दिखाए जा रहे हर घटनाक्रम को मजा लेते हैं। यही फिल्म की सबसे बड़ी खासियत है। 
 
निर्देशक डेविड लीच इस बात की आड़ में कई ऐसे प्रसंग डाल देते हैं जिन पर विश्वास करना कठिन है। हमारी दक्षिण भारतीय फिल्मों को भी वे पीछे छोड़ देते हैं। मसलन पांच फीट की दूरी से डेडपूल पर दनादन गोलियां दागी जाती हैं, लेकिन वह तलवार से हर गोली को नाकाम कर देता है। पर इसे पेश करने का तरीका इतना जोरदार है कि आप सब बातें भूल कर मजा लेने लगते हैं। 
 
एक्शन फिल्म का प्लस पाइंट है। लगातार एक्शन सीन बीच-बीच में आकर फिल्म का स्तर ऊंचा उठाते रहते हैं। एक बड़े से ट्रक से बच्चे को छुड़ाने वाला सीक्वेंस जबरदस्त है। डेडपूल का अपनी टीम बनाने वाला सीन, पैराशूट से कूद कर आधी टीम के खत्म होने वाले सीन भी बेहद मनोरंजक हैं। डेविड लीच ने सिर्फ इस बात का ध्यान रखा है कि दर्शकों का लगातार मनोरंजन होता रहे और इसमें वे सफल रहे हैं। 
 
डेडपूल 2 का सबसे मजबूत पक्ष इसके डायलॉग्स हैं। जिसने भी इसके हिंदी संवाद लिखे हैं उसने फिल्म को भारतीय रंग में रंग दिया है। फिल्म का टोन बदलकर इसे मजेदार बना दिया है। डायलॉग खूब हंसाते हैं। कुछ डायलॉग तो कादर खान की याद दिला देते हैं। कुछ सीमा के पार निकल जाते हैं। हिंदी वर्जन में रणवीर सिंह ने डेडपूल को अपनी आवाज दी है और उनका काम किसी हीरो से कम नहीं है। 
 
फिल्म के सारे कलाकारों का अभिनय जोरदार है। रयान रेनॉल्ड्स ने डेडपूल के किरदार को शानदार तरीके से जिया है। जोश ब्रोलिन ने केबल का किरदार निभाकर फिल्म को शक्तिशाली किया है। मोरेना बैक्करीन ने वनेसा के रोल के जरिये फिल्म को नजाकत दी है। करण सोनी, जूलियन डेनिसन सहित अन्य कलाकार भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। 
 
कई बार 'बी-ग्रेड' मूवीज़ स्तरहीन होकर भी मनोरंजन कर जाती हैं और यही मजा डेडपूल 2 देती है। 
 
निर्माता : साइमन किनबर्ग, रयान रेनॉल्ड्स, लॉरेन श्लेर डोनर
निर्देशक : डेविड लीच
संगीत : टाइलर बेट्स
कलाकार : रयान रेनॉल्ड्स, जोश ब्रोलिन, मोरेना बैक्करीन, जूलियन डेनिसन, करण सोनी
सेंसर सर्टिफिकेट : केवल वयस्कों के लिए * 2 घंटे 37 सेकंड 
रेटिंग : 3/5 

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