जनहित में जारी फिल्म की कहानी एक युवा लड़की नीति (नुसरत भरुचा) के बारे में हैं जो जीवन-यापन के लिए कंडोम बेचने का काम करती है। उसका सामाजिक प्रतिरोध भी होता है, लेकिन यह बात उसके बढ़ते कदमों को रोक नहीं पाती। वह पूछती है कि क्या वह बुरा काम कर रही है? लड़की है तो कंडोम नहीं बेच सकती? वह लोगों को सुरक्षा का उपयोग करने के महत्व के बारे में बताती है।
नीति का एक बॉयफ्रेंड भी है। दोनों की बात पक्की हो जाती है तो होने वाले ससुर नीति से पूछते हैं कि वह क्या काम करती है, जिसे बॉयफ्रेंड घूमा-फिरा कर बताता है। शादी के पहले पोल खोल जाती है कि नीति कंडोम बेचती है। इससे उसके ससुराल पक्ष के लोग नाराज हो जाते हैं। घोर विरोध करते हैं। नीति कहती है कि यदि वे साबित कर दें कि वह गलत काम कर रही है तो वह नौकरी छोड़ देगी।
इस सामाजिक-कॉमेडी ड्रामा में संदेश भी दिया गया है कि भारत में कंडोम का उपयोग न करने से कई लड़कियों को गर्भपात कराना पड़ता है और इस वजह से कई लड़कियों को जान से हाथ भी धोना पड़ता है। फिल्म में संदेश को कॉमेडी के साथ पेश किया गया है।
निर्माता : विनोद भानुशाली, कमलेश भानुशाली, विशाल गुरनानी, राज शांडिल्य, विमल लाहोटी, श्रद्धा चंदावरकर, बंटी राघव, राजेश राघव, मुकेश गुप्ता,
निर्देशक : जय बसंतु सिंह
संगीत : संधू एस तिवारी, प्रीनि सिद्धांत माधव, अमोल-अभिषेक
कलाकार : नुसरत भरुचा, विजय राज, टीनू आनंद, ब्रजेन्द्र काला