जानिए कौन हैं कॉमेडियन वीर दास? इस कविता की वजह से हैं विवादों में

Webdunia
बुधवार, 17 नवंबर 2021 (17:02 IST)
मशहूर स्टेंडअप कॉमेडियन वीर दास अपनी एक कविता को लेकर मुश्किल में फंस गए हैं। वीर दास पर भारत के अपमान का आरोप लग रहा है। वीर दास ने वाशिंगटन डीसी में स्टैंडअप कॉमेडी के दौरान 'टू इंडियाज' नाकी की एक कविता पढ़ी थी। उसके बाद उन्होंने अपनी इस परफॉर्मेंस को यूट्यूब चैनल पर भी पोस्ट किया था।

 
वीडियो में वीर दास कहते दिख रहे हैं, 'मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम दिन में औरतों की पूजा करते हैं और रात में गैंगरेप करते हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद वीर दास को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है। लोग उन्हें देश विरोधी कह रहे हैं। वीरदास के खिलाफ देश के कई हिस्सों में शिकायत भी दर्ज कराई जा रही है। 
 
कौन है वीर दास?
वीर दास उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के रहने वाले हैं। उनका जन्म 31 मई 1979 को हुआ था। वह कॉमेडियन के साथ-साथ एक्टर भी हैं। उन्होंने 2007 में रिलीज हुई ‍फिल्म 'नमस्ते लंदन' से बॉलीवुड डेब्यू किया था। वह गो गोवा गॉन, बदमाश कंपनी, रिवॉल्वर रानी और डेली बेली जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं। 
 
वीर दास ने इकोनॉमिक्स और एक्टिंग में ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने अपनी पढ़ाई यूएस से की है। यह पहली बार नहीं है, जब अपने बयान के चलते वीर दास विवादों में हैं। खबरों के अनुसार दिल्ली में अपने एक शो के दौरान वीर दास के डॉ. अब्दुल कलाम के बारे में टिप्पणी करने पर शो को बीच में ही रोक दिया गया था।
 
पढ़िए वह कविता जिसकी वजह से विवाद में हैं वीर दास
मैं उस भारत से आता हूं, जहां एक्यूआई 9000 है लेकिन हम फिर भी अपनी छतों पर लेटकर रात में तारे देखते हैं। मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम दिन में औरतों की पूजा करते हैं और रात में गैंगरेप करते हैं। मैं उस भारत से आता हूं, जहां आप हमारी हंसी की खिलखिलाहट हमारे घर की दीवारों के पार से भी सुन सकते हैं।
 
 
और मैं उस भारत से भी आता हूं, जो कॉमेडी क्लब की दीवारें तोड़ देता है, जब उसके अंदर से हंसी की आवाज आती है। मैं उस भारत से आता हूं, जहां ओल्ड लीडर्स अपने मरे पिता के बारे में बात करना बंद नहीं करते और न्यू लीडर्स अपनी जीवित मां के रास्तों पर चलना शुरू नहीं करते।
 
मैं उस भारत से आता हूं, जहां की एक बड़ी आबादी 30 साल से छोटी है, लेकिन फिर भी 75 साल के लीडर्स के 150 साल पुराने आइडियाज को सुनना बंद नहीं करती। मैं उस भारत से आता हूं, जहां लोग क्लब के बाहर सड़कों पर सोते हैं, लेकिन साल में 20 बार तो सड़क ही क्लब होती है।
 
मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम वैजिटेरियन होने में गर्व महसूस करते हैं, लेकिन उन्हीं किसानों को कुचल देते हैं, जो ये सब्जियां उगाते हैं। मैं उस भारत से आता हूं, जो कभी चुप नहीं होता और मैं उस भारत से आता हूं जो कभी नहीं बोलता। मैं उस भारत से आता हूं, जहां बच्चे मास्क लगा कर एक दूसरे का हाथ थामते हैं और मैं उस भारत से भी आता हूं, जहां के लीडर्स बिना मास्क लगाए गले मिलते हैं।
 
मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम बॉलीवुड की वजह से ट्विटर पर बंटे होते हैं, लेकिन थिएटर के अंधेरे में उसी बॉलीवुड की वजह से एक साथ होते हैं। मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम जब भी 'ग्रीन' के साथ खेलते हैं, ब्लीड ब्लू का नारा देते हैं, लेकिन ग्रीन से हारने पर हम अचानक से ऑरेंज हो जाते हैं।
 
मैं उस भारत से आता हूं, जहां म्यूजिक हमारा 'बहुत हार्ड' है, लेकिन जज्बात 'बहुत सॉफ्ट' हैं। मैं उस भारत से आता हूं, जो ये देखेगा और कहेगा 'ये कॉमेडी नहीं है.. जोक कहां है ?' और मैं उस भारत से भी आता हूं, जो ये देखेगा और जानेगा कि ये बहुत बड़ा जोक ही है, बस फनी नहीं है।
 

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