यहां इत्तेफाक के अंत में क्या हुआ, यह नहीं बताया जा रहा है। यह दूसरा राज है। इत्तेफाक की शुरुआत में कुछ नाम आते हैं। 'स्पेशल थैंक्स' में रणबीर कपूर का नाम भी दिखाया जाता है। इससे उत्सुकता होती है कि क्या रणबीर भी इस फिल्म में चंद सेकंड के लिए नजर आएंगे? क्या उनकी आवाज या गाने का इस्तेमाल किया गया है?
फिल्म खत्म हो जाती है और कातिल का राज भी खुल जाता है, लेकिन इस बात से परदा नहीं हटता कि रणबीर कपूर का नाम आखिर क्यों दिया गया? क्यों उन्हें थैंक यू बोला गया? फिल्म में रणबीर तो क्या उनकी फिल्म का पोस्टर भी नजर नहीं आया।
बात 'इत्तेफाक' के निर्देशक अभय चोपड़ा के पास पहुंची तो उन्होंने इस रहस्य को खोला। अभय के अनुसार उनके रणबीर पक्के दोस्त हैं। किंडर गार्डन से उनकी दोस्ती चली आ रही है जो अब तक कायम है और वक्त के साथ मजबूत हो गई है।
वे बताते हैं कि रणबीर हमेशा उनके सपोर्ट में खड़े रहे। जब भी जरूरत पड़ी दोस्त की तरह पेश आए। इसलिए दोस्त को थैंक्स बोलना तो बनता है। अभय ने एक शॉर्ट फिल्म बनाई थी इंडिया 1964, जिसमें रणबीर कपूर ने अभिनय किया था। यह बात बहुत पुरानी है। तब रणबीर ने बॉलीवुड में बतौर हीरो अपनी शुरुआत भी नहीं की थी।