कई फिल्म क्रिटिक्स ने शाहिद कपूर अभिनीत इस फिल्म को महिला विरोधी बताया है क्योंकि इस फिल्म का नायक महिलाओं के साथ कुछ इस तरह से पेश आता है मानो वे सेक्स टॉय हो और कॉलेज की एक लड़की को अपनी जागीर भी समझता है।
फिल्म के निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा के कानों तक भी यह बात पहुंच गई है। उन्होंने ही तेलुगु में अर्जुन रेड्डी और इसका हिंदी रिमेक कबीर सिंह के नाम से बनाया है।
हाल ही में संदीप रेड्डी वांगा ने कुछ इंटरव्यू दिए हैं और अपनी फिल्म का बचाव किया है। फिल्म का हीरो, हीरोइन को थप्पड़ मारता है तो इसका बचाव करते हुए संदीप कहते हैं कि जब आप किसी महिला से प्यार करते हैं और उसमें यदि आपको एक दूसरे से किस करने की या थप्पड़ मारने की आज़ादी नहीं हो तो उस रिश्ते में प्यार जैसा कुछ नहीं होता है।
उनके अनुसार फिल्म की हीरोइन भी हीरो को थप्पड़ मारती है और इस बारे में कोई कुछ नहीं कहता। अनुपमा चोपड़ा को दिए गए इंटरव्यू में जब कबीर से पूछा गया कि क्या उनकी फिल्म यह नहीं दर्शाती कि पुरुषों को महिलाओं की अनुमति के बिना उनको छूने का अधिकार है, तो उनका कहना था कि उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि ये लोग फ़िल्म को किस नज़रिये से देख रहे हैं।
संदीप रेड्डी वांगा के अनुसार उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनकी फिल्म की इस कदर आलोचना भी होगी। केवल दो या तीन दृश्यों के आधार पर फिल्म की आलोचना को वे उचित नहीं मानते। उनके अनुसार क्रिटिक्स सिनेमाटोग्राफी या कलर करेक्शन पर बात करने के बजाय कुछ और ही बात कर रहे हैं।
बहरहाल वे इस बात से खुश हैं कि आम दर्शकों ने फिल्म को पसंद किया है और यह कलेक्शन के मामले में 2019 में रिलीज बॉलीवुड फिल्मों में नंबर वन बनने की ओर अग्रसर है।