गुरुग्रंथ साहिब जी के बेअदबी और कोटकपूर एवं बहिबलकलां गोलीकांड मामले में अभिनेता अक्षय कुमार से 21 नवंबर को विशेष टास्क फोर्स (एसआईटी) ने चंडीगढ़ में दो घंटे तक पुछताछ की।
जानकारी के मुताबिक, SIT ने अक्षय से राम रहीम और और सुखबीर बादल संग बैठक से लेकर सिखों के धर्मग्रंथ के अपमान समेत लगभत 42 सवाल पूछे। हालांकि अक्षय ने एसआईटी के सामने सभी आरोपों को खारिज कर दिया।
आरोपों के मुताबिक अक्षय ने 20 सितंबर 2015 को अपने फ्लैट पर तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री सीएम सुखबीर सिंह बादल और डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के बीच बैठक करवाई थी। इसी मीटिंग के दौरान ही डेरा प्रमुख की फिल्म को पंजाब में रिलीज करने पर मुहर लगी थी। एसआईटी इस मामले में प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल से भी पूछताछ कर चुकी है।
अपने उपर लगे आरोपों पर अक्षय ने कहा उनका नाम बेवजह इस मामले में घसीटा जा रहा है। मैं जिंदगी में कभी, कहीं भी गुरमीत राम रहीम से नहीं मिला हूं। मुझे सोशल मीडिया से पता चला कि राम रहीम मुंबई के जुहू में ही रहता था।
साल 2015 में पंजाब में श्री गुरुग्रंथ साहिब और अन्य धार्मिक ग्रंथों का अपमान हुआ था। इससे वहां हिंसा भड़क उठी थी। पंजाब के बहबल कलां में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शकारियों को रोकने के लिए पुलिस को फायरिंग भी करनी पड़ी। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 75 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री बनने के बाद इस मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन का ऐलान किया। आयोग ने अपनी जांच में कई बड़े नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
पंजाब पुलिस एसआईटी ने इससे पूर्व अक्षय को 21 नवंबर को अमृतसर सर्किट हाउस में बुलाया था। अक्षय को अमृतसर में एसआईटी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने चंडीगढ़ में पेश होने की अनुमति मांगी थी।