अपनापन बदलते रिश्तों का बंधन : पल्लवी और निखिल के बदलते रिश्तों पर सिजैन खान ने कही यह बात

Webdunia
गुरुवार, 8 सितम्बर 2022 (12:03 IST)
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का पॉपुलर फैमिली ड्रामा 'अपनापन... बदलते रिश्तों का बंधन' दर्शकों को निखिल (सिजैन खान) और पल्लवी (राजश्री ठाकुर) की दिलचस्प कहानी से जोड़े रखता है, जो एक दूसरे से अलग हो चुके हैं और परवरिश की अपनी-अपनी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। 

 
वर्तमान ट्रैक ने दर्शकों को काफी आकर्षित किया है, जहां पल्लवी और निखिल एक खुशहाल शादीशुदा दंपति होने का नाटक कर रहे हैं और निखिल की मां (फरीदा दादी द्वारा अभिनीत) की खातिर साथ रह रहे हैं, जो उनके साथ रहने के लिए आई हैं। जहां दोनों अपने बच्चों के साथ एक छत के नीचे रह रहे हैं, वहीं एक खुशहाल शादी में होने का दिखावा ड्रामा को और बढ़ा रहा है। 
 
इसी के साथ, पल्लवी और निखिल ने अपने अतीत के बारे में बात करना और अपने मतभेदों को सुलझाना शुरू कर दिया है। लेकिन, जुदाई का दर्द आज भी उन्हें एक-दूसरे से अलग कर देता है। लेकिन क्या यह पहल उन्हें फिर से एक कर देगी? कहानी में आगे यह देखना दिलचस्प होगा।
 
एक्टर सिज़ैन खान ने उन घटनाओं के के बारे में बात की, जिन्होंने पल्लवी और निखिल को एक-दूसरे के करीब ला दिया है। सिजैन बताते हैं, निखिल और पल्लवी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों एक-दूसरे की सच्चाई को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं और आरोपों के भंवर में फंसे हैं। ऐसे में फरीदा दादी, किन्नू मां के रूप में उम्मीद की रोशनी बनकर आती हैं। और वे दोनों निखिल की मां के सामने एक खुशनुमा तस्वीर पेश करने के लिए एक साथ आते हैं, जो कि पल्लवी को बहुत चाहती हैं। 
 
एक दंपति, जो कुछ शर्तों पर अलग हो गए थे, खुद को 'खुशहाल शादीशुदा जोड़े' के रूप में पेश करने के लिए वापस आए हैं। तो ज़ाहिर है कुछ धुआं तो उठेगा और जहां धुआं होगा, वहां आग जरूर होती है। एक साथ रहने से उन्हें एक-दूसरे के लिए अपने दिल के जज़्बात ज़ाहिर करने मदद मिल रही है। इससे दोनों के मन में एक-दूसरे के लिए सहानुभूति पैदा होती है। किसी भी रिश्ते पर काम करने की जरूरत होती है और किन्नू मां के सामने यह छोटा-सा ड्रामा उनके लिए कपल थेरेपी की तरह काम कर रहा है। 
 
उन्होंने कहा, सचमुच मुझे लगता है कि एक दंपति के बीच संवाद बनाने की जरूरत होती है क्योंकि अगर सबकुछ साफ है तो कोई भी चीज गलतफहमियां पैदा नहीं कर सकती। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, असली परीक्षा तो यह होगी कि क्या पल्लवी और निखिल अपने मतभेदों को भुलाकर अपने रिश्ते को दूसरा मौका देंगे।
 

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