इन दिनों मल्लिका शेरावत का एक पैर इंडिया में है तो दूसरा यूएस में। वे बॉलीवुड के साथ ही हॉलीवुड में भी सक्रिय हैं और मॉलीवुड में भी। 'हिस्स', 'द मिथ', 'पॉलीटिक्स ऑफ लव' के बाद इस महीने वे हॉलीवुड में अपनी चौथी फिल्म की भी घोषणा करने वाली हैं। हाल ही में मल्लिका ने 'दबंग' के तमिल रीमेक 'ओस्थी' के लिए एक आइटम नंबर भी किया है।
लोग भले ही अभी मल्लिका को इंटरनेशनल सेलिब्रिटी मानें या ना मानें पर वे खुद को किसी इंटरनेशनल सेलिब्रिटी से कम नहीं मानती हैं और अक्सर अपने यूएस के अनुभव भारतीय मीडिया और दोस्तों से शेयर करती हैं। वैसे वे अब यूएस में सैटल होने का सोच रही हैं मगर भारतीय लोगों के प्यार को भुलाना मल्लिका के लिए इतना आसान नहीं है, सो वे वहां एक फिल्म करने के बाद यहां अपने लोगों के साथ काम करने को लौट आती हैं।
मल्लिका शेरावत इन दिनों खूब खुश हैं। वे कह रही हैं कि यह मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा दौर है। शायद वे जिस काम और पहचान की तलाश के लिए घर से निकली थीं, अब वह उन्हें मिलने लगी है! वे आए दिन सुर्खियों में भी बनी रहती हैं।
मल्लिका की फिल्मों से ज्यादा चर्चा उनके आइटम नंबर और हॉलीवुड सेलिब्रिटी से मिलने-जुलने के लिए होती है। वे अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ व्हाइट हाउस में डिनर ले चुकी हैं और पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से भी भेंट कर चुकी हैं। जॉनी डेप, एल्टन जॉन और निकोल किडमैन के साथ मल्लिका कान फिल्म फेस्टिवल में भी शिरकत कर चुकी हैं।
मल्लिका का कहना है,'मैं कोई दिखावा नहीं करती हूं बल्कि यही मेरी यूएस की लाइफ स्टाइल है। वहांॅ के लोग मुझे पसंद करते हैं, इसलिए मुझे इनवाइट करते हैं।' हॉलीवुड में अपनी एन्ट्री की वजह मल्लिका 'लक' के बजाए 'लुक' को मानती हैं। वे कहती हैं कि मेरा लुक ब्राजीलियन और स्पेनिश लड़की की तरह है, इसलिए वहां के लोगों को अपीलिंग लगता है।
हॉलीवुड का अपना अनुभव शेयर करते हुए मल्लिका बताती हैं कि वहां काफी योजनाबद्ध ढंग से काम होता है, इसलिए वहां काम करना बहुत आसान है। वे यह भी बताती हैं कि हॉलीवुड का ऑस्कर विनर एक्टर भी ईगो नहीं दिखाता है लेकिन बॉलीवुड में तो एक फिल्म हिट होते ही 'ईगो प्रॉब्लम' शुरू हो जाती है।
यहां तो स्टार्स अपनी मर्जी से सेट छोड़कर चले जाते हैं जबकि वहां इस तरह का व्यवहार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाता है। हॉलीवुड में इस तरह सेट छोड़कर चले जाने पर हजारों का मुकदमा लगा दिया जाता है।
मल्लिका एक्टर के साथ ही हॉलीवुड दर्शकों की भी तारीफ करती हैं। वहां दर्शक 60 साल की अभिनेत्री को भी स्क्रीन पर देखना पसंद करते हैं जबकि भारतीय दर्शक ऐसे नहीं हैं। वे चाहती हैं कि भारतीय दर्शकों की यह सोच बदले।
मल्लिका यह भी कहती हैं कि हांगकांग, योरप, कोरिया, चायना की तुलना में भारत से बहुत ही कम सेलिब्रिटी को कान फिल्म फेस्टिवल में इनवाइट किया जाता है। यदि भारत से वहां और भी लोगों को बुलाया जाए तो मुझे काफी मजा आएगा।
सुनने में आया था कि एक बार इसी तरह के इंटरनेशनल इवेंट में मल्ल्किा को शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ी। एक पत्रकार ने उनसे सीधे पूछ लिया कि 'तुम लोग हमारी फिल्में क्यों चुराते हो?' अब बात तो सही थी तो मल्लिका उसे कोई जवाब न दे सकी और खिसक ली।
मल्लिका खुद यह स्वीकार करती हैं कि उन्हें करियर में अब तक कोई बड़ी फिल्म नहीं मिली है। बॉक्स ऑफिस पर 'मर्डर' के अलावा उनकी कोई फिल्म खास कमाल नहीं कर सकी। 'प्यार के साइड इफेक्ट्स', 'मान गए मुगले-आजम', 'अगली और पगली' में मल्लिका का काम अच्छा था लेकिन इन फिल्मों को भी दर्शक नहीं मिले। 'वेलकम' जरूर हिट रही लेकिन उसमें मल्लिका का किरदार छोटा था। सो अब मल्लिका नए निर्देशकों के साथ काम करने का मन बना रही हैं। वे कहती हैं कि नए निर्देशक कुछ हटकर काम कर रहे हैं।
मल्लिका बॉलीवुड पर पुरुष केन्द्रित होने के भी आरोप लगाती हैं। उनके अनुसार 'फैशन', 'नो वन किल्ड जेसिका', 'द डर्टी पिक्चर', 'सात खून माफ' ये गिनी-चुनी फिल्में ही हैं जो स्त्रियों पर केन्द्रित हैं। अन्यथा फिल्ममेकर्स फीमेल एक्टर को ग्लैमर और आइटम के लिए ही रखते हैं। मल्लिका को उम्मीद है कि नए निर्देशक इस सोच में बदलाव करेंगे।