रणवीर यह तो मानते हैं कि वे एक अटेंशन सीकिंग चाइल्ड रहे हैं लेकिन इस तरह एकाएक मिली सफलता ने उन्हें एक तरह से बौरा दिया है। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि इस तरह की लोकप्रियता और दीवानगी को कैसे हैंडल किया जाए।
सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर रणवीरसिंह के फर्जी अकाउंटों की संख्या कैटरीना कैफ से भी ज्यादा है। वे कहते हैं कि हिन्दी फिल्मों के लिए दीवानगी उनमें बहुत पहले से ही थी, लेकिन जिस तरह हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में फिल्मी परिवारों के बच्चों को लांच किया जा रहा था, उसमें उनके लिए कोई गुंजाइश बची नहीं थी और यही सोचकर उन्होंने अपने दूसरे शौक क्रिएटिव राइटिंग की तरफ गंभीरता से सोचना शुरू किया और इसी उद्देश्य से उन्होंने इंडियाना यूनिवर्सिटी, अमेरिका से क्रिएटिव राइटिंग में बीए के लिए एडमिशन लिया। फिल्मों का पागलपन कम हो ही नहीं रहा था और अंततः वे फिल्मों में आ ही गए।
रणवीर स्पष्ट कहते हैं कि उनके जीवन में बनावट के लिए कोई जगह नहीं है। उनके शब्दों में, 'सोचता हूँ कि क्यों बिट्टू शर्मा का किरदार लोगों को पसंद आया तो लगता है कि शायद इसलिए कि उसमें कोई बनावट नहीं थी। जैसा वह है, वैसा ही है...। और सच पूछें तो बहुत हद तक मैं भी वैसा ही हूँ। कैमरे के सामने एक्टिंग तक तो ठीक है लेकिन असल जिंदगी में भी यदि मुझे एक्टिंग करना पड़े तो मैं पागल ही हो जाऊँगा!'
एक्टिंग और राइटिंग के अतिरिक्त रणवीर को संगीत से प्यार है। वे कहते हैं कि यह शायद दुनिया की वह चीज है, जिसमें आप खुद को खो सकते हैं...। उनके पास म्यूजिक एलबम्स की भरमार है और उन्हें उसके लिए गर्व है।
देखा जाए तो 'बैंड, बाजा, बारात' और 'लेडीज वर्सेस रिकी बहल' दोनों ही फिल्मों में रणवीर का किरदार कमोबेश एक-ही सा रहा है लेकिन फिर भी उनकी फैन फॉलोइंग बहुत ज्यादा है। अब वे इस साल के अंत में रिलीज होने वाली पीरियड फिल्म 'लुटेरे' में सोनाक्षी के अपोजिट नजर आएँगे। सोनाक्षी के साथ काम करते हुए वे काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं।