फिल्मी दुनिया में जगमगाने के लिए यह कतई जरूरी नहीं है कि कलाकार पहली कतार में ही खड़ा हो। यहाँ दूसरी या तीसरी कतार में खड़े रहने पर भी लाइमलाइट की रोशनी नसीब हो जाती है। ऐसी तारिकाओं में कुमकुम, बिंदिया गोस्वामी, नाज, तबस्सुम, फरीदा जलाल, सोनिया सहानी या फिर अनिता राज का उदाहरण हमारे सामने मौजूद है। एक सौ चवालीस फिल्मों में पुलिस के अलग-अलग रोल निभाने वाले जगदीश राज के घर 13 अगस्त 1962 को बिटिया अनिता जन्म लेती है। अस्सी के दशक में वह अपने पिता से अधिक लोकप्रियता पाने में सफल हो जाती है।
नाच अनिता नाच
पिता जगदीश राज फिल्म कलाकार होने के नाते दूरदर्शी थे। अपनी बिटिया का भविष्य बनाने के लिए उन्होंने अनिता को पण्डित गोपीकृष्ण के पास कथक के प्रशिक्षण के लिए भर्ती कर दिया था।
गोपीकृष्ण हर साल शास्त्रीय नृत्यों का सालाना जलसा किया करते थे। एक साल के जलसे में उन्होंने अनिता को मंच पर पेश किया। यश चोपड़ा उस जलसे में मौजूद थे। उन्होंने अनिता को अपनी एक फिल्म में लेने का प्रस्ताव रखा। लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई।
इसी दौरान फिल्मकार ऋषिकेश मुखर्जी ने अनिता के फोटो सेशन के कुछ फोटो देखे और फिल्म अच्छा बुरा के लिए साइन कर लिया। अच्छा बुरा किसी कारण जल्दी प्रदर्शित नहीं हो सकी। उससे आगे निकल गई फिल्म प्रेम गीत।
इस फिल्म का गीत-संगीत अच्छा होने के साथ ही अनिता के लिए लिखा गया रोल भी उम्दा था। इस फिल्म को देखकर अनेक निर्माता-निर्देशकों को अनिता में संभावनाएँ नजर आने लगी। इसके कई कारण भी थे। मसलन उस दौर की महँगी तारिकाओं के सामने अनिता का पारिश्रमिक कम था। साथ ही वे एक साथ अनेक शूटिंग डेट्स दे सकती थी।
फिल्म और फिल्म्स
अनिता के किस्मत के दोनों दरवाजे एक साथ खुल गए थे। फिल्म जरा सी जिंदगी (के. बालचंदर), प्रेम तपस्या (नारायण राव), लाखों की बात (बासु चटर्जी), अच्छा बुरा (ऋषिकेश मुखर्जी) ने उसे उत्तर तथा दक्षिण भारत की फिल्मों में कामयाबी दिलाई।
इसी दौर में जमीन-आसमान, दूल्हा बिकता है और अब आएगा मजा जैसी फिल्मों ने उन्हें व्यस्त नायिका का दर्जा दिला दिया। उन्हीं दिनों हेमा मालिनी़, जया प्रदा, श्रीदेवी, रति अग्निहोत्री, रेखा जैसी नायिकाओं का दबदबा था। इनके बीच अनिता ने अपनी मासूम मगर सेक्सी इमेज के जरिये उजली छवि बना ली।
पिता के पापुलर एक्टर होने का सहारा उसे बोनस के रूप में मिला। कहा तो यहाँ तक जाता है कि अमिताभ बच्चन के अभिनय वाली फिल्म 'कुली' की नायिका का ऑफर अनिता को दिया गया था, जो कई नायिकाओं से गुजरता हुआ रति अग्निहोत्री के पल्ले से बंधा।
ग्लैमरस गुड़िया
शास्त्रीय कथक नृत्य में प्रवीण अनिता अपने करियर के आरंभ में गंभीर रोल करना चाहती थी ताकि उनकी छवि नूतन, वहीदा रहमान, वैजयंतीमाला जैसी बन सके। लेकिन कुछ फिल्मों की असफलता के बाद उन्होंने ग्लैमरस रोल से ऐतराज नहीं किया।
जीने नहीं दूँगा, मास्टरजी, करिश्मा कुदरत का जैसी फिल्मों में ग्लैमरस रोल के जरिये अनिता को बड़े सितारे नायकों के नजदीक जाने और साथ काम करने के बेहतर मौके लगातार मिलते गए। इस फेहरिस्त में शशि कपूर, ऋषि कपूर, जीतेन्द्र, राजेश खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा, संजीव कुमार और धर्मेन्द्र के नाम प्रमुख हैं।
'नौकर बीवी का' में काम करते हुए धर्मेन्द्र से अनिता की नजदीकियां लिमिट क्रास कर गई थी। दोनों के रोमांस के किस्सों ने उन दिनों खूब सुर्खियाँ बटोरी। कहा जाता है कि निर्माताओं से अनिता के नाम की धर्मेन्द्र सिफारिश करने लगे थे।
बे-मेल जोड़ी के जोड़ीदार
अनिता राज का कहना है कि अपने करियर में उन्हें ज्यादातर उन नायकों के साथ काम करना पड़ा जो उम्र में उससे कहीं अधिक बड़े थे। हम उम्र नायकों के साथ उन्होंने कम फिल्में की। इसके बावजूद हर हीरो के साथ उनकी जोड़ी खूब जमी।
फिल्म करिश्मा कुदरता का की शूटिंग के दौरान वे डायरेक्टर सुनील हिंगोरानी के इतने नजदीक आ गईं कि दोनों ने शादी कर घर बसा लिया। शादी के बाद अनिता ने कुछ फिल्में की। इतनी सारी फिल्में और इतने नामी-गिरामी नायकों के साथ काम करने के बावजूद अनिता की एक भी फिल्म ऐसी नहीं है कि जिसे यादगार या क्लासिक फिल्म का दर्जा दिया जा सके।
इसलिए शादी के बाद चलताऊ फिल्मों से तौबा कर अपना पूरा ध्यान उन्होंने अपने बेटे की परवरिश और पति की देखभाल में लगाने का निश्चय किया।
नब्बे के दशक में अनिता ने कुछ टीवी धारावाहिकों में दो-दो हाथ आजमाए। लेकिन धारावाहिकों की दुनिया में नए-नए लड़के-लड़कियाँ भीड़ की तरह मौजूद होने से उन्हें अपनी पहचान खोती नजर आई।
2008 में 'थोड़ा लाइफ थोड़ा मैजिक' नामक फिल्म में वे जैकी श्रॉफ के साथ आई थी। मगर इस फिल्म में कोई लाइफ या मैजिक मौजूद नहीं था। कब आई और कब गई इसे निर्माता या प्रदर्शक ही जानते हैं।
अनिल कपूर के टीवी धारावाहिक '24' में उन्हें बेहतरीन भूमिका निभाने को मिली। अनिता राज अब ग्लैमरवर्ल्ड से लगभग बिदा हो गई हैं। यदाकदा ही नजर आती हैं। फिल्माकाश में अस्त होते सितारे की ओर सब पीठ कर खड़े हो जाते हैं।