मर्लिन मुनरो : मैं कैलेंडर पर ज़िंदा रहूंगी, समय में नहीं...

Webdunia
- अनुवाद और प्रस्तुति : रवींद्र व्यास
 
मैंने हॉलीवुड अदाकारा मर्लिन मुनरो पर जब पढ़ना शुरू किया तो मुझे उसके बहुत सारे कोट मिले। ये अलग अलग मौकों और प्रसंगों पर कहे गए। कुछ इंटरव्यू में कहे गए। मैंने उन्हें पढ़ा तो मुझे लगा कि इन कोट्स का एक साथ इकट्‌ठा कर अनुवाद किया जाए और इनका यदि क्रम बदल दिया जाए तो ये मर्लिन के एकालाप की तरह लगेंगे। लिहाजा मैंने मर्लिन के ये कोट अनुवाद किए और उन्हें ऐसा क्रम दिया कि ये मुनरो की कहानी उसी की जुबानी लगे। तो पढ़िए मुनरो की छोटी सी कहानी, उसी की जुबानी। 
मैं अपनों की वजह से दुःखी नहीं थी लेकिन इससे मैं खुश भी नहीं थी। मैं और मेरे पति मुश्किल से ही एक-दूसरे से बोल पाते थे, और यह सब इस वजह से नहीं था कि हम एक-दूसरे से नाराज थे। हमारे पास कहने को कुछ नहीं था। मैं इस ऊबाऊपन से मर रही थी। मेरी पैसों में कतई दिलचस्पी नहीं थी, मैं तो बस वंडरफुल होना चाहती थी। करियर वंडरफुल था लेकिन एक ठंडी रात में उसे आप लपेट नहीं सकते थे। मैं जानती हूं, मैं कैलेंडर पर जिंदा रहूंगी, समय में कभी नहीं। 
 
मैं जब बच्ची थी तब मुझे किसी ने कभी यह नहीं कहा कि मैं सुंदर हूं। तमाम बच्चियों को कहा जाना चाहिए कि वे सुंदर हैं, वे सुंदर न हों तब भी। हॉलीवुड में किसी भी लड़की की प्रतिभा उसके हेयर स्टाइल से कम आंकी जाती है। आपका मूल्यांकन इस आधार पर होता है कि आप कैसी दिख रही हैं, इस पर नहीं कि आप असल में हैं क्या। हॉलीवुड ऐसी जगह है जहां आपको चुंबन के लिए हजार डॉलर्स मिल जाएंगे लेकिन आत्मा के लिए पचास सेंट्स भी नहीं। मैं यह जानती हूं औऱ मैं महंगा ऑफर ठुकरा देती हूं और पचास सेंट्स मंजूर कर लेती हूं। 
 
मैं बिना फेस लिफ्ट कराए बूढ़ी होना चाहती हूं । मैं चाहती हूं कि मुझमें अपने उस चेहरे के प्रति भरोसेमंद रहने का साहस हो जिसे मैंने बनाया है। कभी-कभी मुझे लगता है उम्रदराज होना टाला जा सकता है और जवान रहते मर जाएं तो बेहतर । लेकिन तब आप अपनी जिंदगी पूरी नहीं करते। तब आप कभी भी अपने को पूरी तरह से नहीं जान पाएंगे। 
 
सेक्स प्रकृति का हिस्सा है और मैं प्रकृति के साथ जाना पसंद करूंगी। मैं पिक्चर में नेचरल लुक को पसंद करती हूं। मैं उन लोगों को पसंद करती हूं जो एक या दूसरी तरह से महसूस करते हैं। या उनकी भीतरी दुनिया को बताते हैं। वहाँ भीतर जो कुछ भी घट रहा है उसे देखना मुझे पसंद है। मेरी दिक्कत यह है कि मैं अपने आप से ही संचालित होती हूं। मैं एक कलाकार बनने की भरसक कोशिश करती हूं और सच्ची भी। कभी-कभार मैं महसूस करती हूं कि मैं एक पागलपन पर सवार हूं । मैं कोशिश करती हूं कि अपने भीतर का सबसे खरा हिस्सा बाहर आ सके और यह कितना मुश्किल है। ऐसा होता है कई बार जब मैं सोचती हूं कि मेरा जो कुछ भी है, वह सब सच्चा है लेकिन कई बार यह सब आसानी से बाहर नहीं आता। मैं हमेशा अपने से छिपी यह बात सोचती हूं कि मैं नकली हूं। 
 
मैं जानती हूँ कि मेरा संबंध लोगों से है औऱ दुनिया से है, इसलिए नहीं कि मैं प्रतिभाशाली हूं या कि खूबसूरत बल्कि इसलिए कि इसके अलावा मेरा किसी से कोई संबंध नहीं। 
यह लोगों की आदत है कि वे मुझे ऐसे देखते हैं कि मैं एक व्यक्ति नहीं, एक आईना हूं, वे मुझे तो देख ही नहीं पाते। सेक्स सिम्बल बनना एक वस्तु बन जाना है। मैं वस्तु होने से नफरत करती हूं लेकिन मैं सेक्स सिम्बल के बजाय किसी और चीज का सिम्बल बनना चाहती हूं । 
 
सचाई यह है कि मैंने कभी किसी को बेवकूफ नहीं बनाया है, मैंने तो लोगों को स्वयं बेवकूफ बनने के लिए छोड़ दिया। उन्होंने कभी यह जानने की कोशिश ही नहीं की कि मैं कौन हूं और क्या हूं? बावजूद इसके उन्होंने मेरे लिए एक चरित्र खोज लिया। मैं उनसे कभी बहस नहीं की। वे निश्चित ही किसी और को प्यार करते हैं, जो मैं नहीं थी। जब उन्हें यह पता लगा तो उन्होंने मुझे दोष देना शुरू कर दिया कि हमें भ्रम में रखा गया है या हमें बेवकूफ बनाया गया। कुत्ते मुझे कभी नहीं काटते, सिर्फ मनुष्य काटते हैं। 
 
जिंदगी में ऐसे पल आते हैं, जब आपको लगता है कि आप किसी के साथ हैं और यही काफी है। मैं उन्हें छूना नहीं चाहती, यहां तक कि बात तक नहीं करना चाहती । दोनों के बीच एक अहसास बहता रहता है। और तब आप कतई अकेले नहीं होते।
 
मैं एक औरत के रूप में नाकामयाब हूं। यह इस वजह से है क्योंकि उन्होंने अपने लिए मेरी एक छवि बना ली है और मैंने खुद को एक सेक्स सिम्बल बना लिया है। आदमी बहुत अपेक्षा रखता है, मैं इस पर अपने को जिंदा नहीं रख सकती। कुछ लोग हमेशा आपके प्रति कठोर होंगे। यदि मैं कहूं कि मैं बतौर एक्ट्रैस विकसित होना चाहती हूं तो वे मेरे फिगर को देखते हैं। यदि मैं कहूं कि मैं अपने क्राफ्ट को विकसित करना चाहती हूं तो वे हंसने लगते हैं। मुझे लगता है, वे यह अपेक्षा नहीं रखते हैं कि मैं अपने काम के प्रति संजीदा रहूं। यदि आप चाहते हैं कि कोई लड़की खुश रहे तो उसे वह सब करने दें, जो वह चाहती है। 
 
एक बेहतरीन अदाकारा होने का मुझे कोई वहम नहीं है। मैं जानती हूं कि मैं कितनी तीसरे दर्जे की अदाकारा हूं। मैं सचमुच महसूस करती हूं कि मुझमें टैलेंट नहीं है। यह वैसा ही है जैसे मैं अंदर के सस्ते कपड़े पहनती हूं लेकिन मेरे ईश्वर बता मैं कैसे सीखना, बदलना औऱ परिष्कृत होना सीखूं। एक एक्टर को बहुत संवेदनशील वाद्य होना चाहिए। इसाक स्टर्न अपनी वायलिन का बहुत ध्यान रखते थे। 
 
यह बहुत डरावना है कि मैं जिन तमाम लोगों को नहीं जानती वे मुझे लेकर कितने भावुक होते हैं। मेरा मतलब है कि यदि वे आपको जाने बगैर बहुत प्यार करते हैं तो यह भी तो हो सकता है कि वे ठीक इसी तरह आपसे नफरत भी कर सकते हैं। गोएथे ने कहा था कि टैलेंट निजी कोनों में फलता-फूलता है। आप जानते हैं? यह सचमुच में सच है। एक एक्टर के लिए हमेशा अकेलेपन की जरूरत है और अकसर लोग यह नहीं सोचते। यह आपके लिए एक निश्चित रहस्य होता है कि कि जब आप एक्टिंग कर रहे होते हैं तब उन पलों में पूरी दुनिया आप में होती है। मैं जब अकेली होती हूँ, मैं अपने को जमा करती हूं। करियर लोगों के बीच पैदा होता है, प्रतिभा अकेले में। 
 
प्लीज़, कृपाकर मेरी हंसी न उड़ाएं। मैं यकीन करती हूं कि मैं एक अभिनेत्री बनना चाहती हूं अपनी इंटीग्रिटी के साथ एक अभिनेत्री। मैं सचमुच एक अदाकारा बनना चाहती हूं, एक कामोत्तेजक जीव नहीं। मैंने अपना नाम मर्लिन कभी पसंद नहीं किया। मैं हमेशा चाहती रही कि मुझे जीन मुनरो के नाम से पुकारा जाए, लेकिन मुझे अंदाजा है कि इसके लिए अब कितनी देर हो चुकी है। मैं यह कभी समझ नहीं पाती कि लोग एक-दूसरे के प्रति क्यों ज्यादा दयालु नहीं हो पाते। मैं उन लोगों की कद्र करती हूं जो टाइम्स स्क्वेयर पर थे। जो सड़कों से लेकर थिएटर तक जमा थे। वे मेरे करीब नहीं आ पा रहे थे, जब मैं आई। यदि मैं लाइट मेकअप में होती तो वे मुझे कभी नहीं देख पाते। यह मेकअप सिर्फ उनके लिए... 
 
जो लोग सोचते हैं कि एक औरत के पिछले प्रेम प्रसंग उनके साथ प्रेम को कम कर देगा, तो वे मूर्ख और कमजोर हैं। हर आदमी के लिए एक औरत नया प्यार लेकर आती है जिससे वह प्यार करती है और उसके जीवन में यह बार-बार नहीं होता। शोहरत यानी आप अपने को दूसरों की नजरों से देख रहे होते हैं लेकिन इससे भी ज्यादा मानीखेज यह है कि आप खुद अपने बारे में क्या सोचते हैं, रोज-ब-रोज की जिंदगी जीते हुए, जिंदा रहते हुए कि अब आगे क्या होगा...

Bigg Boss 18 : टास्क के दौरान अविनाश मिश्रा और दिग्विजय राठी के बीच हुई धक्का-मुक्की, मारपीट की आई नौबत

पुष्पा 2 : द रूल के ट्रेलर लॉन्च से पहले, श्रीवल्ली उर्फ रश्मिका मंदाना ने शेयर की डबिंग सेशन से तस्वीरें

उत्तरी अमेरिका में स्लमडॉग मिलियनेयर की रिलीज को 16 साल पूरे, अनिल कपूर ने शेयर किया खास पोस्ट

सूर्या स्टारर कंगुवा क्यों हैं थिएटर में मस्ट वॉच? जानिए 5 कारण

आई वांट टू टॉक के लिए परफेक्ट चॉइस क्यों हैं अभिषेक बच्चन? निर्देशक शूजित सरकार ने बताया

भूल भुलैया 3 मूवी रिव्यू: हॉरर और कॉमेडी का तड़का, मनोरंजन से दूर भटका

सिंघम अगेन फिल्म समीक्षा: क्या अजय देवगन और रोहित शेट्टी की यह मूवी देखने लायक है?

विक्की विद्या का वो वाला वीडियो फिल्म समीक्षा: टाइटल जितनी नॉटी और फनी नहीं

जिगरा फिल्म समीक्षा: हजारों में एक वाली बहना

Devara part 1 review: जूनियर एनटीआर की फिल्म पर बाहुबली का प्रभाव

अगला लेख
More