बिहार चुनाव : क्या होता है स्टार प्रचारक, जानिए कौन दिग्गज करेगा, किस दल का प्रचार

Webdunia
शनिवार, 10 अक्टूबर 2020 (07:49 IST)
पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी संबंधित पार्टी के स्टार प्रचारकों के तौर पर दिए गए हैं।
 
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी (एसीईओ) संजय कुमार सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग ने मान्यता प्राप्त पार्टियों के लिए कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर प्रचारकों की अधिकतम संख्या घटाकर 30 कर दी है, वहीं गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों के लिए प्रचारकों की संख्या 20 से अधिक नहीं होगी। पहले सभी पार्टियों के लिए स्टार प्रचारकों की अधिकतम संख्या 40 तय की गई थी।
 
सिंह ने बताया कि राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार शुरू करने से 48 घंटे पहले जिला प्रशासन को सूचित करना होगा।
 
नरेंद्र मोदी और अमित शाह भाजपा के चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे। भाजपा की ओर से मोदी और शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा के नाम भी पार्टी नेताओं द्वारा प्रचारकों के तौर पर लिए जा रहे हैं। वहीं नीतीश कुमार जदयू के प्रमुख प्रचारक नेता होंगे।
 
प्रदेश कांग्रेस के सूत्रों ने यहां बताया कि पार्टी की ओर से पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, उनकी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा तथा पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री प्रचार अभियान में शिरकत कर सकते हैं।
 
बिहार में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए प्रचारकों के तौर पर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और उद्धव ठाकरे के नाम भी दिए गए हैं।
 
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में जांच को लेकर महाराष्ट्र और बिहार की सरकारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की पृष्ठभूमि में चुनाव में पवार, ठाकरे और उनके पुत्र आदित्य ठाकरे की मौजूदगी से प्रचार अभियान दिलचस्प हो सकता है। शिवसेना बिहार में 50 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
 
क्या होते हैं स्टार प्रचारक : चुनाव कोई भी हो इसे जीतने के लिए पार्टी ऐसे नेताओं और सिलेब्रिटी को प्रचार के लिए उतारती है, जिन्हें देखने सुनने भारी भीड़ उमड़ती है। इनका लोगों पर खासा प्रभाव होता है। इन नेताओं और सेलिब्रिटीयों को स्टार प्रचारक कहा जाता है। ये अपने दमदार भाषणों से अपनी पार्टी और उम्मीदवार के लिए वोट बटोरने का प्रयास करते हैं। इनकी सभाएं ऐसे इलाकों में रखी जाती हैं, जहां वोट मिलने की संभावना ज्यादा होती है।
 
हर उम्मीदवार अपने क्षेत्र में स्टार प्रचारक को लाना चाहता है, इन पर खर्च भी खूब होता है। चुनाव आयोग की इस पर पैनी नजर होती है। समय कम होने से ये हैलीकॉप्टर, एयरोप्लेन जैसे संसाधनों का उपयोग करते हैं। हालांकि ये खर्च उम्मीदवार के चुनाव खर्च में नहीं जोड़ा जाता, इसे पार्टी का खर्च माना जाता है।

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