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गोमांस पर भाजपा का विवादित विज्ञापन, नीतीश पर साधा निशाना

हमें फॉलो करें गोमांस पर भाजपा का विवादित विज्ञापन, नीतीश पर साधा निशाना
, बुधवार, 4 नवंबर 2015 (15:11 IST)
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से एक दिन पहले भाजपा द्वारा सीमांचल सहित चुनाव वाले क्षेत्रों में गोमांस को लेकर प्रकाशित कराए गए विवादास्पद विज्ञापन पर नीतीश कुमार नीत महागठबंधन ने कड़ा एतराज जताया है और इसके विरूद्ध चुनाव आयोग में गुहार लगाने को फैसला किया है। भाजपा द्वारा प्रकाशित कराए गए इन विज्ञापनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘चुप्पी' पर सवाल उठाते हुए कहा गया है ‘मुख्यमंत्रीजी आपके साथी (राजद प्रमुख लालू प्रसाद) हर भारतीय की पू्ज्य गाय का अपमान बार-बार करते रहे और आप चुप रहे। 
विज्ञापन में कहा गया है कि वोटबैंक की राजनीति बंद कीजिए और जवाब दीजिए, क्या आप अपने साथियों के इन बयानों से सहमत हैं?  भाजपा द्वारा प्रकाशित उक्त विज्ञापन में लालू सहित राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद और  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के गोमांस को लेकर पूर्व में की गई टिप्पणियों को वर्णित किया गया है। विज्ञापन के अंत में लिखा है- जवाब नहीं वोट नहीं, बदलिए सरकार-बदलिए बिहार।'
 
ये विज्ञापन किश्नगंज, सहरासा और निर्वाचन वाले अन्य इलकों के क्षेत्रीय अखबारों में छपे हैं।  इस विज्ञापन में लालू प्रसाद के इस कथित बयान का हवाला दिया गया है ‘‘हिन्दू भी गोमांस खाते हैं।’’ इसमें राजद नेता रघुवंश प्रसाद की टिप्पणी का भी हवाला किया गया है कि ‘‘वेदों और पुराणों में लिखा है कि प्राचीन समय में संत लोग गोमांस खाते थे।
 
भाजपा के इस विज्ञापन में कनार्टक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को उदृत करते हुए कहा गया है कि अगर मैं गोमांस खाऊं तो कोई मुझे रोक नहीं सकता’’। जदयू के महासचिव के सी त्यागी ने भाजपा के उक्त विज्ञापन को घोर आपत्तिजनक करार देते हुए बताया कि यह चुनाव आदर्श संहिता का उल्लंघन है और उसे प्रकाशित करने वाले दल को दंडित किया जाना चाहिए। त्यागी ने कहा कि अगर निर्वाचन आयोग इस मामले में कडी कार्रवाई करने में विफल रहता है तो राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
 
अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आर लक्ष्मणन ने कहा कि उक्त विज्ञापन से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है या नहीं इसकी जांच के लिए निर्वाचन आयोग संबंधित जिलों के, जहां उक्त विज्ञापन अखबारों में छपे हैं, जिलाधिकारियों  से रिपोर्ट तलब करेगा। (भाषा) 

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