तैलीय त्वचा से छुटकारा पाने के लिए लोग अपनी स्कीनकेयर रूटीन में ऐसे प्रोडक्ट का ज्यादा इस्तेमाल कर लेते हैं, जो हमारी त्वचा को अत्यधिक शुष्क बना देते हैं और आपके स्कीन टेक्स्चर (Skin Texture) को खराब कर देते हैं। जब आप अपनी त्वचा में से अतिरिक्त प्राकृतिक ऑइल को कम करना चाहते हैं जिसके लिए ऐसे प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं, जो आपकी त्वचा को बहुत ज्यादा शुष्क बना देता है तो शरीर अधिक तेल का उत्पादन करने लगता है। इस वजह से सीबम के ओवरप्रॉडक्शन के कारण चेहरे पर मुंहासे जैसी त्वचा संबंधी समस्या उत्पन्न हो जाती है।
इससे निजात पाने के लिए त्वचा की सही देखभाल करने की जरूरत है। इसके लिए आपको अपनी स्कीनकेयर में कुछ ऐसी चीजों को शामिल करना होगा, जो आपकी त्वचा को पर्याप्त पोषण दे। हम यहां आपको स्कीनकेयर के लिए कुछ ऐसे फेसपैक के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी रसोई में ही मौजूद हैं जिसके इस्तेमाल से आप कुछ ही समय में अपनी त्वचा में बदलाव महसूस करने लगेंगी।
अंडे की सफेदी लें। इसमें ककड़ी का रस मिला लें, साथ ही पुदीने को पीसकर इसमें मिला लें। तैलीय त्वचा के लिए ऑइली स्कीन बेहतरीन मानी जाती है। यह त्वचा को कसने, रोम छिद्रों को सिकोड़ने और अतिरिक्त तेल को कम करने में मदद करती है। दूसरी ओर खीरे का रस आपकी त्वचा को ठंडक देने में मदद करता है। अंत में पुदीना लें, जो एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरा होता है और सैलिसिलिक सीबम को तोड़ने और मुंहासे कम करने में मददगार है।
आधा केला लें। इसमें नींबू के रस व जैतून के तेल की कुछ बूंदें मिला लें। इस पेस्ट को अच्छी तरह मिक्स कर लें। फिर इसे चेहरे पर लगाकर 15 मिनट के लिए छोड़ दें। केला आपकी त्वचा में से अतिरिक्त सीबम और मृत त्वचा से छुटकारा दिलाने और त्वचा को एक्सफोलिएट करने में मदद करता है। नींबू प्राकृतिक क्लीनर का काम करता है। यह त्वचा में मौजूद अतिरिक्त तेल को खत्म करने में मदद करता है, वहीं जैतून का तेल आपकी त्वचा को पोषण देने का काम करता है।
बेसन, हल्दी और दही इनका पेस्ट बना लें। इसे चेहरे और गर्दन पर अच्छी तरह से लगाकर 10 मिनट के लिए छोड़ दें। बेसन तैलीय त्वचा के लिए बेहतरीन माना जाता है। यह त्वचा के तेल को संतुलित करने में मदद करता है। इसमें चुटकीभर हल्दी का पावडर मिला लें। हल्दी एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर है, जो मुंहासे ठीक करने में मदद करती है, ब्रेकआउट को आने से रोकती है। दही आपकी त्वचा को पोषण देने का काम करता है।