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वजाइना को हाइलाइट करने का चलन क्यों बढ़ रहा है?

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, शनिवार, 29 जुलाई 2017 (11:34 IST)
पुरानी यादों की बात करते हुए हमारे माता-पिता चांद पर इंसान के पहले क़दम और बर्लिन की दीवार के गिरने जैसी घटनाएं बताते हैं लेकिन नई पीढ़ी के पास क्या है?
 
क्या आपने कभी सोचा है कि आने वाली पीढ़ियों को हम आप अपने मौजूदा समय के बारे में क्या बताएंगे? वैसे, आप चाहें तो वजाइना हाइलाइटर की लॉन्चिंग को इसमें शामिल कर सकते हैं। वजाइना में कसाव के लिए स्टिक्स और ग्लिटर कैप्सूल के बाद अब एक नई चीज़ भी चलन में आ रही है।
 
डेनमार्क की एक ब्यूटी लाइन की ओर से 'वेरी वी ल्यूमिनाइज़र' नाम से इसे लॉन्च किया गया है। इस ल्यूमिनाइज़र को त्वचा की देखभाल के फ़ायदों को गिनाते हुए 'स्पेशल हाइलाइटिंग क्रीम' के तौर पर बेचा जा रहा है।
 
काले धब्बों से मुक्ति?
दावा किया जा रहा है कि इस क्रीम में मौजूद विटामिन ई आपके 'वी' एरिया पर 'काले धब्बे पड़ने से रोकता है'। इसके अलावा इसे तैयार करने के लिए इसमें ड्रिंक्स बनाने के काम आने वाला एक फूल भी होता है जिससे 'त्वचा मुलायम और खूबसूरत होती है' और इससे ख़ास जगह का रंग भी निखरता है।
 
इस हाइलाइटर को मैन्युफैक्चर करने वाली कंपनियों ने बताया कि 'वी' एरिया का मतलब बिकिनी लाइन और उसके आसपास की त्वचा से है। उनका कहना है कि यह प्रोडक्ट महिलाओं को हर तरह से बेहतर महसूस कराने के लिए लाया गया है। इससे उन्हें असहजता से निपटने में भी आसानी मिलती है।
 
हालांकि यह भी सवाल उठता है कि आखिर वजाइना या उसके आसपास की स्किन को हाइलाइट करने की ज़रूरत क्या है और इसके दुष्परिणाम क्या हैं?
 
रॉयल कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियंस की प्रवक्ता डॉ. वैनेला मैके ने बताया, ''कॉस्मेटिक्स, परफ़्यूम वाली साबुन, जेल और एंटीसेप्टिक के इस्तेमाल से बचने का यह अच्छा आइडिया है। क्योंकि ये सारी चीजें बैक्टीरिया के बैलेंस को बिगाड़ सकती हैं और जलन भी पैदा करती हैं।''

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