Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

#UnseenKashmir: 'धर्म कोई भी हो, कश्मीर में बहुत भाईचारा है'

हमें फॉलो करें #UnseenKashmir: 'धर्म कोई भी हो, कश्मीर में बहुत भाईचारा है'
, मंगलवार, 6 जून 2017 (11:00 IST)
क्या आपने कभी सोचा है कि दशकों से तनाव और हिंसा का केंद्र रही कश्मीर घाटी में बड़ी हो रहीं लड़कियों और बाक़ि भारत में रहने वाली लड़कियों की ज़िंदगी कितनी एक जैसी और कितनी अलग होगी?
 
यही समझने के लिए हमने वादी में रह रही दुआ से दिल्ली में रह रही सौम्या को ख़त लिखने को कहा। सौम्या और दुआ कभी एक दूसरे से नहीं मिले। उन्होंने एक-दूसरे की ज़िंदगी को पिछले डेढ़ महीने में इन ख़तों से ही जाना। सोमवार को आपने श्रीनगर से दुआ का पहला ख़त और उस पर सौम्या का जवाब पढ़ा, अब पढ़ें श्रीनगर से दुआ का दूसरा ख़त।
webdunia
प्रिय सौम्या
तु्म्हारी चिट्ठी मिली और ये जानकर अच्छा लगा कि मेरी तरह तुम्हें भी किताबें पढ़ना और संगीत सुनना पसंद है। बल्कि तुम मेरी ही तरह 'डायरेक्शनर' (directioner) हो।
 
अपनी चिट्ठी में तुमने मुझसे एक सवाल पूछा कि जब भी कश्मीर के बाहर के लोग वादी के बारे में कुछ भी सुनते हैं तो उनके दिमाग में जो पहली बात आती है वो है 'मुस्लिम', और तुम जानना चाहती हो कि क्या यहां सिर्फ़ मुस्लिम ही रहते हैं।

इसका जवाब ना है। पर हां, यहां रहने वाले सबसे ज़्यादा लोग मुस्लिम हैं। पूरे कश्मीर की बात करें तो 70% मुस्लिम हैं, हिंदू- 20% और बाक़ि धर्म (क्रिस्चिैनिटी, जैनिज़म, बुद्धिज़म, सिखिज़म वगैरह)- 10%।
webdunia
धर्म कोई भी हो, यहां कश्मीर में सभी लोग बहुत भाईचारे के साथ रहते हैं। हम उर्दू की एक कहावत में यक़ीन करते हैं - ہندو، مسلم، سکھ، عیسائی، آپس میں سب بھائی بھائی - यानी हिंदू, मुस्लिम, सिख़, ईसाई - आपस में हैं भाई भाई।
 
ये समझाने के लिए मैं तु्म्हें एक मिसाल देती हूं। क़रीब दो साल पहले, शोपियां नाम की एक जगह में मुस्लिमों ने एक ग़रीब हिंदू की बेटी की शादी करवाने में उसकी मदद की थी। तुमने मौसम की भी बात की और ख़्वाहिश जताई कि दिल्ली का मौसम भी कश्मीर जैसा हो जाए। पर यक़ीन मानो तुम ये नहीं पसंद करोगी, क्योंकि जैसा मैंने तुम्हें अपनी पिछली चिट्ठी में लिखा था, हमारे यहां कड़ाके की ठंड पड़ती है।
चिल-ए-कलां के दौरान तो तापमान - 15 डिग्री तक गिर जाता है। फिर यहां मौसम कभी भी बदल जाता है। पिछले दो दिन ख़ूब धूप निकली पर अभी, जब मैं ये चिट्ठी लिख रही हूं मुझे बाहर बारिश गिरने की आवाज़ सुनाई दे रही है। और ठंड इतनी ज़्यादा है कि कलम तक पकड़ने में अंगुलियां बर्फ़ सी हो जा रही हैं।
 
यहां गर्मियों में गर्मी नहीं बल्कि ख़ुशनुमा मौसम होता है (तुम्हारे लिए ना सही पर हमारे लिए 33 डिग्री भी बहुत गर्म दिन होता है)। स्कूल में मैं एक अच्छी स्टूडेंट हूं। जैसा मैंने तुम्हें बताया था मैं नौंवीं क्लास में हूं।
 
साथ ही में मैं दसवीं क्लास की तैयारी भी कर रही हूं। अब ये नहीं समझ आ रहा कि दसवीं क्लास में कौन से विषय लूं।
क्या तुम मुझे इस पर कुछ सुझाव दे सकती हो? तुम कौन से विषय लेने वाली हो?
 
तुम्हारे मुताबिक किससे आगे जाकर ज़्यादा मौके मिलेंगे, करीयर बनेगा और जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए?
तुम्हारे मन में कुछ हो तो मुझे ज़रूर लिख भेजना।
तुम्हारे जवाब के इंतज़ार में।
 
तुम्हारी दोस्त
दुआ
(ख़तों की ये विशेष कड़ी इस हफ़्ते जारी रहेगी)

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पेरिस जलवायु समझौता और ट्रंप की हठधर्मिता