मंकीपॉक्स से जुड़ी वो 5 भ्रामक बातें, जो सही नहीं हैं

BBC Hindi
गुरुवार, 28 जुलाई 2022 (07:42 IST)
भारत में फ़िलहाल मंकीपॉक्स के कुल चार मामले सामने आ चुके हैं। केरल के तीन और दिल्ली के एक मरीज़ में इसके वायरस की पुष्टि की गई है।
 
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी बताया है। जिसके बाद आमलोगों के ज़ेहन में फिर से लॉकडाउन, प्रतिबंध और सोशल डिस्टेंसिंग का डर घर करने लगा है। कोविड महामारी के बाद इस नए वायरस के दस्तक ने लोगों को सकते में डाल दिया है। नए वायरस से जुड़े तमाम सवालों के बीच कई भ्रामक बातें और दावे हैं, जो तेज़ी से फैल रहे हैं।
 
मसलन, कहा जा रहा है कि मंकीपॉक्स कोविड-19 जैसी ही एक नई महामारी है। या ये कि इससे केवल समलैंगिक लोगों को ही इससे ख़तरा है।
 
या फिर ये कहना कि इसका कोई इलाज नहीं है। या फिर शारीरिक संबंध बनाने से मंकीपॉक्स हो सकता है, और इसकी पहचान के लिए फ़िलहाल कोई जांच सुविधा मौजूद नहीं है।
 
बीबीसी आपको इन्हीं भ्रामक बातों की सच्चाई बताने जा रहा है। ये तमाम जानकारियां हमने विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट के हवाले से साझा की हैं।
 
पहला सवाल - मंकीपॉक्स क्या कोविड-19 जैसी ही एक नई महामारी है?
इसका सीधा-सीधा जवाब है - नहीं। डबल्यूएचओ के मुताबिक़ मंकीपॉक्स बाकी दूसरे संक्रमणों जितना संक्रामक नहीं है, न ही कोविड की तरह यह लोगों के बीच आसानी से फैलता है। मंकीपॉक्स का संक्रमण किसी संक्रमित व्यक्ति या उनके इस्तेमाल वाली चीज़ों के सीधे संपर्क में आने से फैलता है।
 
इसका वायरस हमारी त्वचा पर हुए किसी घाव या आंख, नाक या मुंह के रास्ते शरीर में जा सकता है। सेक्स से भी संक्रमण फैलता है। वहीं संक्रमित जानवरों जैसे बंदर, चूहे या गिलहरियों के संपर्क में आने से भी ये फैलता है। हालांकि सांसों से भी इसका संक्रमण फैल सकता है। लेकिन मंकीपॉक्स कोरोना जितना संक्रामक नहीं है।
 
दूसरा सवाल - क्या केवल समलैंगिकों को ही ख़तरा है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक जनरल डॉ टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी बताते हुए कहा था कि अभी इसका संक्रमण ज़्यादातर समलैंगिक पुरुषों में देखा जा रहा है।
 
लेकिन यहां ये ज़ोर देना भी महत्वपूर्ण है कि मंकीपॉक्स किसी को भी प्रभावित कर सकता है। अगर आप संक्रमित व्यक्ति या उनके संक्रमित सामान के साथ लंबे समय तक संपर्क में रहते हैं, तो आपको भी ये हो सकता है। इसके अलावा स्वास्थ्यकर्मियों और सेक्स वर्कर्स को भी संक्रमण का ख़तरा हो सकता है।
 
वहीं गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे, और ऐसे व्यक्ति जिनको स्वास्थ्य समस्याएँ हैं, उनको विशेष रूप से बचाने की आवश्यकता है।
 
तीसरा सवाल - क्या इसका कोई इलाज नहीं है?
ज़्यादातर मामलों में इलाज की ज़रूरत नहीं पड़ती। सभी लक्षण धारे-धीरे ख़त्म हो जाते हैं। ज़रूरत पड़ी तो दर्द और बुखार के लिए दवाएँ ली जा सकती हैं। मरीज़ को पौष्टिक खाना खाने, खुद को हाइड्रेट रखने और पर्याप्त नींद लेने की ज़रूरत होती है।
 
त्वचा पर उभरी फुंसियों या चकत्तों पर खुजली करने से बचें। समय-समय पर साफ पानी और एंटीसेप्टिक से इसे साफ करते रहें।
 
सीडीसी यानी यूनाइटेड स्टेट्स सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने अपनी वेबसाइट पर मंकीपॉक्स के ख़िलाफ़ प्रभावी रहीं कुछ दवाइयों का ज़िक्र भी किया है। जैसे -वैक्सीनिया इम्युनोग्लोबुलिन, एसटी-246 और सिडोफोविर।
 
मंकीपॉक्स की रोकथाम और उपचार के लिए JYNNEOSTM नाम की एक वैक्सीन भी उपलब्ध है, जिसे कई देशों में इस्तेमाल की मंजूरी भी मिल चुकी है। इसे इम्वाम्यून या इम्वेनेक्स के नाम से भी जाना जाता है।
 
यूरोपीयन मेडिसिन एजेंसी ने मंकीपॉक्स की इलाज के लिए साल 2022 में टेकोविरिमैट नाम का एक एंटीवायरल भी विकसित किया है। इसके अलावा एक स्मॉल पॉक्स का टीका है जिसका नाम ACAM2000 है। स्वास्थ्य अधिकारी मानते हैं कि ये वैक्सीन मंकीपॉक्स के खिलाफ भी प्रभावी होती है।
 
चौथा सवाल - क्या सेक्स करने से होता है मंकीपॉक्स?
सामान्यतौर पर ऐसा नहीं होता। अगर आप में मंकीपॉक्स के लक्षण हैं, जैसे आपके शरीर के किसी हिस्से पर लाल चकत्ते या रैश हुए हैं और आप उस स्थिति में बिना किसी सुरक्षा यौन संबंध बनाते हैं, तो आपके शरीर का संक्रमण आपके पार्टनर के शरीर तक पहुंचेगा और वो भी मंकीपॉक्स की चपेट में आ सकता है।
 
मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों को रिकवरी के 12 हफ़्तों तक यौन संबंध बनाने के दौरान कॉन्डोम के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। ऐसा करने पर आप मंकीपॉक्स से तो सुरक्षित नहीं रह सकते, लेकिन ये आपको और आपके पार्टनर को बाकी STD (यौन संचारित रोग) से बचाता है। वैसे लोग जिनके कई सेक्सुअल पार्टनर हैं, उन्हें खास सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
 
साथ ही ये बात भी ध्यान देने वाली है कि मंकीपॉक्स केवल सेक्सुअल कॉन्टैक्ट बनाने से नहीं होता। आप किसी भी संक्रमित शख़्स के नज़दीकी संपर्क में होंगे, तो आपको संक्रमण का ख़तरा हो सकता है।
 
पाँचवाँ सवाल - क्या मंकीपॉक्स की जांच के लिए कोई सुविधा मौजूद नहीं है?
कोविड की तरह ही मंकीपॉक्स की जांच के लिए भी आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाता है। अंतर केवल इतना है कि कोविड जांच के लिए गले या नाक का स्वैब लिया जाता है, बल्कि मंकीपॉक्स में शरीर पर उभरे रैश के अंदर के पानी की जांच की जाती है। फ़िलहाल देश में पुणे के एनआईवी में ही ये जांच सुविधा उपलब्ध है।

सम्बंधित जानकारी

1000km दूर बैठा दुश्मन पलक झपकते तबाह, चीन-पाकिस्तान भी कांपेंगे, लैंड अटैक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

उद्धव ठाकरे की 2 दिन में 2 बार चेकिंग से गर्माई महाराष्ट्र की सियासत, EC ने कहा- शाह और नड्डा की भी हुई जांच

महाराष्ट्र में विपक्ष पर बरसे मोदी, कहा अघाड़ी का मतलब भ्रष्टाचार के सबसे बड़े खिलाड़ी

Ayushman Card : 70 साल के व्यक्ति का फ्री इलाज, क्या घर बैठे बनवा सकते हैं आयुष्मान कार्ड, कैसे चेक करें पात्रता

बोले राहुल गांधी, भाजपा ने जितना पैसा अरबपति मित्रों को दिया उससे ज्यादा हम गरीब और किसानों को देंगे

तगड़े फीचर्स के साथ आया Infinix का एक और सस्ता स्मार्टफोन

Infinix का सस्ता Flip स्मार्टफोन, जानिए फीचर्स और कीमत

Realme P1 Speed 5G : त्योहारों में धमाका मचाने आया रियलमी का सस्ता स्मार्टफोन

जियो के 2 नए 4जी फीचर फोन जियोभारत V3 और V4 लॉन्च

2025 में आएगी Samsung Galaxy S25 Series, जानिए खास बातें

अगला लेख
More