जीवनसाथी पाने के लिए पूजें त्रैलोक्य मोहन गणेश
मनचाहे साथी का वरदान गणेश से कैसे प्राप्त करें
श्री गणेश के अलग-अलग स्वरूप भिन्न-भिन्न कामनाओं की पूर्ति करने वाले हैं। जिन कन्याओं का विवाह नहीं हो रहा हो या कन्या को मनोवांछित पति मिलने में अड़चन आ रही हो, विवाह में किसी भी प्रकार के विघ्न हों या किसी को धन प्राप्ति के प्रयासों में सफलता नहीं मिल रही हो तो उन्हें श्री त्रैलोक्य मोहन गणपति की साधना करना चाहिए।
साधना प्रारंभ करने का ठीक समय शुक्ल पक्ष की कोई भी चतुर्थी है। संकल्प लेकर चार लाख जप कर दशांस हवन, तर्पण, मार्जन ब्राह्मण भोजन करवाएं। अगले पेज पर : पढ़ें विशेष मंत्र
मंत्र -
वक्रतुण्डैकदंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते
वर वरद सर्वजनं में वशमानय् स्वाहा।।
हाथ में जल लेकर विनियोग करें।
विनियोग-
ॐ अस्य श्री त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्रस्य, श्री गणक ऋषि:, गायत्री छन्द:, श्री त्रैलोक्य मोहन करो गणेश देवता ममाभीष्ट सिद्धयर्थे (कार्य बोलें) जपे विनियोग:।
जल छोड़ दें तथा न्यास करें निर्दिष्ट अंगों को अंगुलियों से छुएं।
अगले पेज पर पढ़ें कैसे करें करन्यास :
करन्यास : ॐ वक्रतुण्डैकदंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं- अंगुष्ठाभ्यां नम:ॐ गं गणपते तर्जनीभ्यां नम:ॐ वरवरद मध्यमाभ्यां नम:ॐ सर्वजनम् अनामिकाभ्यां नम:ॐ मे वशमानय कनिष्ठिकाभ्यां नम:ॐ स्वाहा करतलकरपृष्ठाभ्यां नम:अगले पेज पर कैसे करें अंगन्यास :
अंगन्यास :ॐ वक्रतुण्डैकदंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं हृदयाय नम:ॐ गं गणपते शिरसे स्वाहाॐ वर वरद शिखायै वौषट्ॐ सर्वजनम् कवचाय हुम्ॐ मे वशमानय नैत्रत्रयाय वौषट्-
ध्यान-