राखी नहीं रक्षा का अटूट धागा है, पढ़ें शक्तिशाली पवित्र मंत्र

Webdunia
राखी सामान्यतः बहनें, भाई को बांधती हैं, परंतु पुत्री द्वारा पिता, दादा, चाचा को अथवा कोई भी किसी से भी संबंध मधुर बनाने की भावना से, सुरक्षा की कामना के साथ रक्षासूत्र बांध सकता है। प्रकृति संरक्षण के लिए वृक्षों को राखी बांधने की परंपरा भी प्रारंभ हो गई है। 
 
सनातन परंपरा में किसी भी कर्मकांड व अनुष्ठान की पूर्णाहुति बिना रक्षासूत्र बांधे पूरी नहीं होती। प्रातः स्नानादि से निवृत्त होकर लड़कियां और महिलाएं पूजा की थाली सजाती हैं।
 
थाली में राखी के साथ रोली या हल्दी, चावल, दीपक व मिष्ठान्न आदि होते हैं। पहले अभीष्ट देवता और कुल देवता की पूजा की जाती है, इसके बाद रोली या हल्दी से भाई का टीका करके उसकी आरती उतारी जाती है व दाहिनी कलाई पर राखी बांधी जाती है। 
 
भाई, बहन को उपहार अथवा शुभकामना प्रतीक कुछ न कुछ भेंट अवश्य देते हैं और उनकी रक्षा की प्रतिज्ञा लेते हैं। यह एक ऐसा पावन पर्व है, जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को पूरा आदर और सम्मान देता है। रक्षाबंधन के अनुष्ठान के पूरा होने तक व्रत रखने की भी परंपरा है।
 
रक्षासूत्र बांधते समय रक्षाबंधन का पवित्र श्लोक का उच्चारण करें :- 
 
यह श्लोक रक्षाबंधन का अभीष्ट मंत्र है :- 
 
'येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबल। 
तेन त्वामभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल'
 
अर्थात जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी रक्षाबंधन से मैं तुम्हें बांधती हूं, यह तुम्हारी रक्षा करेगा और संकट में तुम मेरी रक्षा करना। 

ALSO READ: रक्षाबंधन पर्व : दुनिया के सबसे अनोखे व प्यारे रिश्ते को निभाने का दिन

ALSO READ: चूड़ामणि चन्द्र ग्रहण, रक्षाबंधन मुहूर्त और राशियों पर असर

Show comments

ज़रूर पढ़ें

दिवाली पर क्यों बनाते हैं रंगोली? जानिए क्या है रंगोली का इतिहास

झाड़ू से क्या है माता लक्ष्मी का कनेक्शन, सही तरीके से झाड़ू ना लगाने से आता है आर्थिक संकट

गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव का त्योहार कब है, जाने पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि

रंगोली में इन 18 शुभ प्रतीकों का है खास महत्व, धर्म और आस्था को मजबूत करती है ये कला

Dhanteras 2024 date and time: धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि और यमदेव की पूजा का शुभ मुहूर्त

सभी देखें

नवीनतम

Ahoi ashtami 2024: अहोई अष्टमी की पूजा क्यों करते हैं? जानें सही तिथि और पूजा विधि

Aaj Ka Rashifal: राशिफल 22 अक्टूबर, आज क्या कहती है आपकी राशि (पढ़ें 12 राशियां)

22 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 अक्टूबर 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

अगला लेख
More