अच्छी सेहत के लिए 10 महामंत्र, संकट काल में मिलेगी 10 देवताओं की कृपा

Webdunia
10 ऐसे चमत्कारी मंत्र, जो करेंगे हर संकट का अंत, खुशियां लौटेंगी तुरंत
 
 
'मंत्र' का अर्थ होता है मन को एक तंत्र में बांधना। संकट कालमें अनावश्यक और अत्यधिक विचार उत्पन्न हो रहे हैं और जिनके कारण चिंता पैदा हो रही है, तो मंत्र सबसे कारगर औषधि है। आप जिस भी ईष्ट की पूजा, प्रार्थना या ध्यान करते हैं उसके नाम का मंत्र जप सकते हैं।
 
जानते हैं ऐसे कौन से 10 महामंत्र हैं जिनसे सभी रोग,बीमारी और संकटों से मुक्ति भी मिलती है।
 
 
पहला मंत्र : भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र
*ॐ ह्रीं जूं सःभूर्भुवः स्वः
ॐ त्र्यम्बकं स्यजा महे
सुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम्‌ उर्व्वारूकमिव
बंधनान्नमृत्योर्म्मुक्षीयमामृतात्‌ॐ स्वःभुवःभूः ॐ सःजूं हौं ॐ।।

ॐमृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतमजन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः
दूसरा मंत्र  : देवी भगवती का मंत्र 
*ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधानमोऽस्तु‍ते*

देहि सौभाग्यम आरोग्यम देहि मे परमं सुखम
रुपम देहि,जयम देहि,यशो देहि द्विषो जहि 


तीसरा मंत्र : धन्वंतरी का मंत्र 
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतरये
अमृतकलशहस्ताय सर्वभयविनाशाय सर्वरोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूपाय
श्रीधन्वंतरीस्वरूपाय श्रीश्रीश्री औषधचक्राय नारायणाय नमः॥
चौथा मंत्र :हनुमान जी का मंत्र 
ॐ नमो हनुमते रुद्रावतराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रसुखाय वज्ररोम्णे 
वज्रनेत्राय वज्रदंताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा
 
हनुमान जी का चालीसा मंत्र 
नासै रोग हरे सब पीरा,जो सुमिरे हनुमंत बलबीरा 
 
संकट ते हनुमान छुडावैं, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै

पांचवां मंत्र : विष्णु जी का मंत्र
शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशम्।
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्।।
लक्ष्मीकान्तंकमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्।
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।
 
 ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।
छठा मंत्र : श्री कृष्ण जी का मंत्र
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
 प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:॥
सातवां मंत्र : श्री नृसिंह देव का मंत्र 
ध्याये न्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम्।
अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम्।।
आठवां मंत्र :  गायत्री माता का मंत्र 
।।ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।।
नौवां मंत्र : सूर्य देव का मंत्र 
नमःसूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे
आयु आरोग्य मैवास और देव देहि देवः जगत्पते
नमः सूर्याय शांताय सर्वग्रह निवारिणे
आयुर आरोग्य मसेवल्लम देहि देह जगत्पते*
दसवां मंत्र :श्री गणेश आरोग्य मंत्र 
ॐ नमो सिद्धिविनायकाय सर्वकारकत्रै सर्वविघ्न प्रशमनाय
सर्वरोग निवारणाय सर्वजन सर्वस्वी-आकर्षणाय श्रीं ॐ स्वाहा।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

krishna janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर कैसे करें भगवान कृष्ण का ध्यान, जानें पूजा विधि एवं मंत्र

Hartalika Teej 2024 Date: हरतालिका तीज 2024 मुहूर्त टाइम, व्रत, अनुष्‍ठान विधि

कब है दीपावली 31 अक्टूबर या 1 नवंबर 2024?

krishna janmashtami 2024: श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2024 पर क्या है निशीथ पूजा का मुहूर्त?

Hartalika teej 2024: हरतालिका तीज व्रत पर रात्रि पूजा का समय क्या है?

सभी देखें

नवीनतम

24 अगस्त 2024 : आपका जन्मदिन

24 अगस्त 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Budh uday : बुध का कर्क राशि में उदय, 3 राशियों के लिए है बेहद ही शुभ

Janmashtami Decoration Ideas : जन्माष्टमी पर कैसे कैसे सजाएं झांकी

Ganesh chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी उत्सव पर क्या है गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त?

अगला लेख
More