ब्लू टोपाज यानी नीला पुखराज, एक अनूठा खूबसूरत रत्न, खोलता है प्यार और अवसरों के द्वार

Webdunia
नीला पुखराज एक ऐसा कठोर और खूबसूरत पत्थर है जो कि कई आकर्षक रंगों में उपलब्ध होता है। इसे पॉलिश करने के बाद आभूषण बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। वैसे तो पुखराज का रंग हल्का नीला होता है, लेकिन कहीं-कहीं पर ये गाढ़े नीले रंग में भी पाया जाता है। इसमें ओवल कट तो बहुत ही साधारण तौर पर पाया जाता है और बाकी मिक्स कट व स्टेप कट भी इस्तेमाल किए जाते हैं। 
 
यह रत्न प्रायः फ्रलोरिन एलुमिनियम सिलिकेट से बनता है और पीले, पीला-भूरा, फ्रलैक्स, भूरा, हरा, नीला हल्का नीला, लाल, गुलाबी आदि रंग में मिलता है लेकिन कभी-कभी इसका कोई रंग नहीं होता है। 
 
पुखराज का इतिहास : 
पुखराज का इतिहास तकरीबन 2000 साल पुराना है पहले, किसी भी पीले पत्थर को पुखराज समझ लिया जाता था जेरूसलेम के बारह दरवाजों में इसका इस्तेमाल किया गया है। अभी तक यह सिद्ध नहीं हुआ है कि पुखराज ग्रीक शब्द है या फिर संस्कृत का लेकिन ग्रीक में टोपाज यानि पुखराज का अर्थ होता है हरा रत्न। रोमन लोग पुखराज को बृहस्पति ग्रह से संबोधित करते हैं।
 
नीला पुखराज देता है लाभ : 
इसका लाभ यह है कि इससे नींद अच्छी आती है और शरीर की थकावट दूर होती है। इससे लोगों का क्रोध और आक्रोश भी कम होता है, साथ ही इसे धारण करने से लोग दयालु और दिलदार भी बनते हैं। इसे प्यार और स्नेह का चिन्ह माना जाता है इससे अस्थमा, पागलपन, इंसोम्रिया जैसी समस्याओं का समाधान होता है। इससे आर्थिक संपन्नता बढ़ती है।
 
यह रत्न आकर्षण शक्ति बढ़ाता है। बुझे दिलों में रोमांस की इच्छा जगाता है। प्यार मोहब्ब्त के लिए इसे बहुत शुभ रत्न माना गया है। 
 
अध्यात्म विद्या में यह माना जाता है कि नीलापुखराज शांतचित्त, बहते रक्त को रोकने वाला व भूख बढ़ाने वाला रत्न है। इसे धारण करने से दुख, चिंता, तनाव, डर आदि मन से दूर होते हैं।

अचानक से होने वाली मृत्यु के लिए ये पहले ही आगाह कर देता है।

इससे आदमी हैंडसम हो जाते हैं और बांझ औरतें गर्भवती। यह नवंबर के महीने का रत्न माना जाता है। इसके साथ तो यह भी धारणा है कि आप उबलते हुए पानी में नीला पुखराज डालिए और फिर अपना हाथ डालकर निकाल लीजिए और आप पाएंगे कि आपका हाथ बिल्कुल नहीं जला।
 
अठारहवीं सदी में इन रत्नों को खोजने के लिए साइबीरिया या ब्राजील जाना पड़ता था। जहां ये एक-एक सेंटीमीटर के साइज में मिलते थे। पुर्तगाल से मिले बेहद खूबसूरत पुखराज ब्रगांजा को बहुत समय तक हीरा समझा जाता था। इसका वजन 1680 कैरट है। पहले के जमाने में राजा महाराजाओं की शान माना जाता था नीलापुखराज। 

लेकिन फिर पीले स्वर्ण पुखराज के महंगे दामों के चलते इसकी जगह स्वर्ण पुखराज ने ले ली इसलिए अब स्वर्ण पुखराज को पुखराज का विकल्प माना जाता है, क्योंकि यह हर जगह उपलब्ध होता है और इसका दाम भी कम होता है। ज्यादातर लोग तो स्वर्ण पुखराज को ही असली पुखराज समझते हैं।

नीला पुखराज बहुत अधिक प्रसिद्ध है। नीला सिल्वर पुखराज चमकदार, पारदर्शी रत्न होता है। इसका मूल्य कम होने के कारण ये बाकी अन्य रत्न जैसे हीरा और सफेद नीलमणि का विकल्प बन सकता है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

Dev uthani ekadashi 2024: देव उठनी एकादशी पर इस बार जानिए पितृदोष से मुक्ति के 5 अचूक उपाय

Dev diwali 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली रहती है या कि देव उठनी एकादशी पर?

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: 13 नवंबर के दिन किन राशियों को मिलेगी खुशखबरी, किसे होगा धनलाभ, पढ़ें 12 राशियां

13 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

13 नवंबर 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

नीलम कब और क्यों नहीं करता है असर, जानें 7 सावधानियां

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर कब, कहां और कितने दीपक जलाएं?

अगला लेख
More