बुधवार को संकष्टी चतुर्थी : जानिए कैसे करें पूजन-अर्चन, पढ़ें शुभ मुहूर्त

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मार्च माह के अंतिम दिन यानी 31 मार्च 2021, दिन बुधवार को संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाएगा। इसे भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। यह दिन विघ्नहर्ता  भगवान श्री गणेश को समर्पित है। अत: इस दिन की जाने वाली पूजा विशेष फल देने वाली मानी गई है। चतुर्थी का दिन श्री गणेश का दिन माना जाता है। श्री गणेश शिव जी के पुत्र हैं अत: इस दिन श्री गणेश का परिवारसहित पूजन करना अतिफलदायी रहेगा। 
 
चतुर्थी तिथि के स्वामी श्री गणेश जी ही हैं और इस दिन किए गए व्रत-उपवास और पूजा-पाठ से यश, वैभव, सुख-समृद्धि, धन, कीर्ति, ज्ञान और बुद्धि में अतुलनीय वृद्धि होती है क्योंकि श्री गणेश शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता हैं। 
 
आइए जानते हैं क्या करना चाहिए इस दिन- 
 
* श्री गणेश चतुर्थी पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। 
 
* ॐ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें। 
 
* इसके बाद घर के मंदिर में श्रीगणेश प्रतिमा को गंगा जल और शहद से स्वच्छ करें। 
 
* सिंदूर, दूर्वा, फूल, चावल, फल, जनेऊ, प्रसाद आदि चीजें एकत्रित करें। 
 
* धूप-दीप जलाएं। ॐ गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप करते हुए पूजा करें। मंत्र जाप 108 बार करें।
 
* श्रीगणेश के सामने व्रत करने का संकल्प लें और पूरे दिन अन्न ग्रहण न करें। 
 
* व्रत में फलाहार, पानी, दूध, फलों का रस आदि चीजों का सेवन किया जा सकता है।
 
* शिवजी के मंत्र ॐ सांब सदाशिवाय नम: का जाप 108 बार करें। शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। बिल्व पत्र और फूल चढ़ाएं। दीपक जलाकर आरती करें।
 
* पूजा के बाद घर के आसपास जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें। 
 
* किसी गौशाला में धन का दान भी कर सकते हैं।
 
* गाय को रोटी या हरी घास दें। 
 
इस दिन लोग बुद्धि और शुभता के देव भगवान गणेश का व्रत और पूजन करते हैं। 
 
पूजन के शुभ मुहूर्त- 
 
इस बार बुधवार, 31 मार्च, 2021 को संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाएगा। चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 31 मार्च को दोपहर 02.06 मिनट से होगा तथा चतुर्थी तिथि की समाप्ति गुरुवार, 1 अप्रैल 2021 को 10.59 मिनट पर होगी। चंद्रोदय का समय बुधवार रात 9.39 मिनट पर रहेगा। 

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