सूर्य की भांति चमकेगा आपका भाग्य, आजमाएं पौष पूर्णिमा पर 10 खास बातें

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Paush purnima 2021
 
पौष के महीने में सूर्य की उपासना की जाती है। यह महीना सूर्य देव की पूजा के लिए विशेष महत्‍व रखता है। पौष पूर्णिमा इस मास का बहुत ही पावन दिन माना जाता है। पूर्णिमा के दिन धार्मिक कार्य, भजन-कीर्तन के साथ नदी स्नान एवं दान के लिए भी यह दिन बहुत शुभ माना जाता है। इस साल यह पूर्णिमा गुरुवार, 28 जनवरी 2021 को है। इस दिन को शाकंभरी पूर्णिमा भी कहते हैं। 
 
मान्यता है कि अगर पौष के महीने में नियमित सूर्य देव की उपासना की जाए और खास तौर पर पूर्णिमा के दिन सूर्य की आराधना की जाए तो  व्‍यक्‍ति साल भर स्‍वस्‍थ और संपन्‍नता भरा जीवन जीवन जीता है। उसका भाग्य भी सूर्य की भांति चमक उठता है। धार्मिक ग्रंथों में पौष पूर्णिमा के दिन उपवास रखने की भी मान्यता है। अगर आप धनवान बनने की तमन्ना रखते हैं तो आपको इस दिन यह उपाय अवश्य करना चाहिए- 
 
आइए जानते हैं पौष पूर्णिमा के 10 खास उपाय एवं बातें- 
 
* पौष पूर्णिमा के दिन सूर्य उदय होने से पहले उठकर स्नान करके हल्के लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
 
* सुबह 1 तांबे के लोटे में जल भरकर रखें और इस लोटे को हाथ में रखकर 'ॐ' मंत्र का 27 बार ऊंचे स्वर में जाप करें और फिर इस जल को सारे घर में छिड़क दें।
 
* सूर्य मंत्र- 'ॐ घृणि सूर्याय नम:' का 108 बार रुद्राक्ष की माला से जाप करें। 
 
* धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लगातार 27 दिन तक इस उपाय को करने से आपका रुका हुआ धन वापस आ जाएगा।
 
* इस दिन लाल चंदन की माला से गायत्री मंत्र का सूर्य के समक्ष जाप करें।
 
* सरकारी नौकरी चाहने वालों को इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद भगवान सूर्यदेव को तांबे के लोटे में जल और गुड़ मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए और अर्घ्य देने वाले स्थान पर ही 3 बार परिक्रमा करनी चाहिए।
 
* पौष पूर्णिमा के दिन हो सके तो नारंगी और लाल रंग का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिए।
 
* अपने माता-पिता के चरण स्पर्श करने चाहिए, ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
 
* पौष पूर्णिमा के दिन भोजपत्र पर 3 बार गायत्री मंत्र लाल चंदन से लिखकर अपने पर्स में रखने से भी लाभ मिलता है। 
 
* धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पौष के पूरे महीने में उत्तम स्वास्थ्य और मान-सम्मान की प्राप्ति के लिए भगवान सूर्यनारायण की पूजा का विधान है। इस महीने में भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और उपवास भी रखा जाता है।

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