जब शनि, राहू और मंगल जैसे क्रूर ग्रह एक दूसरे से संबंध बनाते हैं तो सूर्य आग उगलने लगता है और धरती तपने लगती है, साथ ही बारिश भी होती है। धरती की तपना साथ-साथ बारिश का होना अच्छा नहीं होता। इससे मानव जीवन पर दुष्प्रभाव पड़ता है। सूर्य का वृष राशि के रोहिणी नक्षत्र में भ्रमण करने को ज्योतिषशास्त्र में नौतपा कहते हैं।
सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के साथ आरंभ हुआ है नौतपा। जो 25 मई से 2 जून तक रहेगा। इन 9 दिनों में सूर्यदेव पृथ्वी के समीप रहकर अग्नि बरसाएंगे। गर्मी अपने प्रचंड रूप में रहेगी। सूर्यदेव ने रोहिणी नक्षत्र में 25 मई शाम 7 बजकर 53 मिनट पर प्रवेश किया है। नौतपा के आरंभ में ही सूर्य, मंगल की युति के साथ शनि से षडाष्टक योग का निर्माण होगा। इस योग से बहुत अधिक गर्मी के साथ-साथ वर्षा के भी योग बन रहे हैं, जो फसल और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।
बारिश और तीखी गर्मी का साथ होना अत्यधिक नुकसानप्रद है।
फसलों को वांछित तपन नहीं मिलने से उन पर दुष्प्रभाव पड़ेगा वहीं बार-बार तापमान की वृद्धि और गिरावट का शरीर पर बुरा असर होगा। इस दौरान सबसे ज्यादा खानपान का ही ध्यान रखना चाहिए। तरल पदार्थ अधिक लें एवं बाहर के खाने से यथासंभव बचें। उमस व पसीने की वजह से त्वचा संबंधी रोग बढ़ेंगे।