Makar Sankranti 2022: बाघ पर सवार होकर आएगी संक्रांति, जानें कैसे करें स्नान-दान, पुण्यकाल एवं राशिनुसार फल

पं. हेमन्त रिछारिया
कैसा रहेगा वर्ष 2022 में मकर संक्रांति का पर्व
 
ज्योतिष शास्त्र (Astrology)  में गोचर (Gochar) का बहुत महत्व होता है। नवग्रहों का गोचर जातक के फलित में अहम् भूमिका रखता है। वहीं ग्रह-गोचर (Grah-Gochar) के आधार पर कई मुहूर्तों व ज्योतिषीय गणनाओं का निर्धारण भी होता है जैसे त्रिबल शुद्धि, साढ़ेसाती व ढैय्या, मकर संक्रांति आदि।

ज्योतिष शास्त्रानुसार नवग्रहों में सूर्य (Sun) को राजा माना गया है। सूर्य का गोचर कई ज्योतिषीय गणनाओं व मुहूर्तों का निर्धारण करता है। सूर्य के गोचर को 'संक्रांति' (Sankranti) कहा जाता है। 
 
संक्रांति प्रतिमाह आती है क्योंकि सूर्य का गोचर प्रतिमाह होता है। सूर्य के धनु व मीन राशि में गोचर से 'खरमास (मलमास)' का प्रारंभ होता है। इसी प्रकार जब सूर्य मकर राशि में गोचर करते हैं तब इसे 'मकर-संक्रांति' (Makar Sankranti 2022) कहा जाता है। 
 
'मकर-संक्रांति' Makar Sankranti हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। सामान्यत: यह पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है क्योंकि अधिकतर इसी दिन सूर्य का गोचर धनु राशि से मकर राशि में होता है। आंग्ल नववर्ष में 'मकर-संक्रांति' (Makar Sankranti) का पर्व 14 जनवरी 2022 को मनाया जाएगा।

इस दिन नवग्रहों के राजा सूर्य अपनी राशि परिवर्तन कर रात्रि 8:58 मि. पर 'मकर' राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही देशभर में 'मकर-संक्रांति' के पर्व का शुभारंभ हो जाएगा।

 
'मकर-संक्रांति' का पुण्यकाल-Makar Sankranti 2022
वर्ष 2022 में 'मकर-संक्रांति' का पुण्यकाल दिनांक 15 जनवरी 2022 को अपराह्न 12 बजकर 58 मि. तक रहेगा।
 
'संक्रांति' का वाहन-Sankranti ki vahan
वर्ष 2022 में संक्रांति का वाहन सिंह (व्याघ) एवं उपवाहन अश्व रहेगा। इस वर्ष संक्रांति का आगमन पीत वस्त्र व पर्ण कंचुकी धारण किए कुमारावस्था में कुमकुम लेपन कर गदा आयुध (शस्त्र) लिए रजतपात्र में पायस भक्षण करते हुए, कंकण धारण किए हुए दक्षिण दिशा की ओर जाते हुए नैऋत्य दिशा को दृष्टिगत किए हो रहा है।
 
 
'संक्रांति' का फलित-sankranti ka fal
देशभर में सफेद वस्तुओं जैसे चांदी, चावल, दूध, शकर आदि के दाम बढ़ेंगे। राजा के प्रति विरोध की भावना बलवती होती। ब्राह्मण वर्ग का सम्मान बढ़ेगा। संन्यासियों व किसानों को कष्ट होगा। पश्चिम देशों से रिश्तों में कटुता आएगी। पड़ोसी देशों से रिश्तों में कटुता बढ़ेगी। महामारी के प्रसार में कमी आएगी। 
 
'मकर-संक्रांति' का राशि अनुसार फलित-Sankranti Rashiusar phal
1. मेष- ईष्ट सिद्धि
2. वृषभ- धर्म लाभ
3. मिथुन- शारीरिक कष्ट
4. कर्क- सम्मान में वृद्धि
5. सिंह- भय व चिंता
6. कन्या- विद्या लाभ, धन वृद्धि
7. तुला- कलह व मानसिक चिंता
8. वृश्चिक- धनागम व सुख-शांति
9. धनु- धन लाभ
10. मकर- स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति
11. कुंभ- हानि
12. मीन- लाभ

 
स्नान व दान-Sankranti Snan Daan
'मकर-संक्रांति' के दिन श्रद्धालुगणों को पवित्र नदी में कुटे तिल का उबटन लगाकर स्नान करना एवं तिल से बनी वस्तुओं, कंबल एवं वस्त्रादि का दान करना श्रेयस्कर रहेगा।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
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