क्या आप बार-बार नौकरी सिर्फ इसलिए बदलते हैं कि आपकी बॉस से नहीं बनती? या आप अपने बॉस पसंद नहीं करते? यदि हाँ तो रुकिए... सबसे पहले अपनी जन्मकुंडली का आकलन करें।
यदि वहाँ बॉस का प्रतिनिधित्व करने वाले घर व ग्रह में शुभता नहीं है तो कितनी ही नौकरियाँ बदल लें, आप संतुष्ट नहीं रहेंगे? अत: बेहतर होगा इसका इलाज ढूँढें ।
कुंडली का दसवाँ घर आपकी पदप्रतिष्ठा का होता है। यही घर आपके बॉस के स्वभाव को भी बताएगा। यदि इस भाव में कोई शुभ ग्रह की राशि है तो बॉस अच्छा मिलेगा (विशेषकर धनु, मीन, कर्क)। यदि क्रूर राशियाँ (जैसे- मेष, मकर, सिंह, वृश्चिक) हों तो बॉस आक्रामक, गुस्सैल, दबदबा रखने वाला होगा। यदि शुक्र की राशि (वृषभ, तुला) हो तो तारीफ सुनने का शौकीन, कलाकार होगा। बुध की राशि (मिथुन, कन्या) हो तो होशियार मगर डरपोक रहेगा ।
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इसके अलावा दसवें भाव में क्रूर ग्रह हों तो बॉस से खटपट होती रहेगी। यदि शुभ ग्रह हों तो पटरी अच्छी बैठेगी। इसके अतिरिक्त दसवें भाव में जो राशि है उसका स्वामी ग्रह यदि शुभ स्थान में, शुभ ग्रहों के प्रभाव में हो तो बॉस अच्छा होगा, अशुभ प्रभाव में हो तो बॉस से खटपट होती रहेगी। इस ग्रह की लग्न से मित्रता हो तो बॉस अच्छा मिलेगा।
इसके अलावा यदि कुंडली में गुरु, सूर्य शुभ हैं तो बड़ों का मार्गदर्शन मिलेगा, शनि-मंगल शुभ हों तो अधीनस्थों का, सहायकों का सहयोग मिलता रहेगा। अत: बॉस से घबराकर नौकरी बदलने की बजाय जन्मकुंडली का आकलन करें व ग्रहों को प्रसन्न करें। ग्रह खुश हुए तो बॉस का रुख स्वमेव ही बदल जाएगा।