क्या साल बदलने से बदल जाता है भाग्य, पढ़ें एक विश्लेषण

पं. हेमन्त रिछारिया
आंग्ल नववर्ष 2018 आने वाला है। नववर्ष के आगमन के हर्ष के साथ सभी को उत्सुकता है कि उनके लिए यह नववर्ष कैसा रहेगा? समाचार-पत्रों, न्यूज़ चैनलों इत्यादि पर ज्योतिषाचार्य, टैरोकार्ड रीडर, अंक ज्योतिषी की आपका भविष्य बताने वाली गणनाएं प्रसारित हो रही हैं। 
 
जिनकी राशि या मूलांक में शुभफ़ल बताया जा रहा है वे प्रफ़ुल्लित हैं वहीं अशुभ फ़ल वाले जातक मायूस हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैलेण्डर या पंचांग का वर्ष बदलने से आपके भविष्य में कोई बड़ा परिवर्तन या बदलाव नहीं आता है। आप जिसे वर्षफ़ल समझ रहे है वह केवल 'गोचर' गणना है। जो प्रतिमाह परिवर्तित होती है।
 
कैलेण्डर या पंचांग का वर्ष बदलने के अवसर पर वर्षफ़ल के नाम पर जातक के पूरे वर्ष का फ़लित बताना उचित नहीं है क्योंकि गोचर आधारित गणनाएं प्रतिमाह परिवर्तित होती रहती हैं। 
 
ज्योतिष शास्त्र में गोचर का महत्त्वपूर्ण स्थान है लेकिन जातक का भविष्यफ़ल बताने में इसकी गणनाओं को 10 से 15 फ़ीसदी ही मूल्य दिया जाता है। फ़िर वर्षफ़ल क्या होता है? सही मायने में वर्षफ़ल आपके प्रत्येक जन्मदिन से परिवर्तित होता है ना कि कैलेण्डर या पंचांग का वर्ष बदलने से। इसमें आपके नवीन वर्ष की वर्ष-कुण्डली बनाकर आपका वर्षफ़ल बताया जाता है। 
 
किसी जातक का भविष्यफ़ल बताने के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक उसकी जन्मपत्रिका के मुख्य व महत्त्वपूर्ण शुभाशुभ योग, ग्रहस्थिति, विंशोत्तरी दशाएं, योगिनी दशाएं, गोचर, और अन्त में उस जातक का वर्षफ़ल होते हैं। वर्षफ़ल में मुंथा एवं मुंथेश का विशेष महत्त्व होता है। मुंथा एवं मुंथेश की स्थिति का जातक के वर्षफ़ल में महत्त्वपूर्ण स्थान होता है।
 
मुंथा का निर्धारण-
 
जातक की जन्मलग्न संख्या में उसकी वर्तमान आयु के वर्ष जोड़कर 12 से भाग देने पर जो शेष बचता है उस राशि की मुंथा होती है। मुंथा राशि के स्वामी ग्रह को मुंथेश कहते हैं।
 
मुंथा की स्थिति-
 
यदि जातक की वर्षकुण्डली में मुंथा जन्मलग्न व राशि से 4,6,८,12 स्थानों में स्थित हो एवं पाप ग्रहों से दृष्ट हो जातक को उस वर्ष कष्ट एवं कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। वहीं यदि मुंथा जन्मलग्न व राशि से 2.3.9.12 में हो तो यह शुभ होती है। जन्मलग्न या जन्मराशि से अष्टम् राशि का वर्षलग्न अशुभ होता है।
 
वर्षफ़ल का विषय अत्यन्त वृहद् व विस्तृत है। हमने यहां वास्तविक वर्षफ़ल का परिचय कराने के उद्देश्य मात्र से उपर्युक्त संक्षिप्त जानकारी आप पाठकों को दी है। अत: यदि कैलेण्डर के वर्षफ़ल बदलने पर किसी भविष्यवक्ता की गणना आपके पक्ष में नहीं है या आपकी राशि के लिए उसका फ़ल अशुभ है तो चिन्तित होने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि हमारा विश्वास है कि अब आप वर्षफ़ल के विषय में भलीभांति जान गए होंगे।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: astrpoint_hbd@yahoo.com
Show comments

ज़रूर पढ़ें

दिवाली पर क्यों बनाते हैं रंगोली? जानिए क्या है रंगोली का इतिहास

झाड़ू से क्या है माता लक्ष्मी का कनेक्शन, सही तरीके से झाड़ू ना लगाने से आता है आर्थिक संकट

गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव का त्योहार कब है, जाने पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि

रंगोली में इन 18 शुभ प्रतीकों का है खास महत्व, धर्म और आस्था को मजबूत करती है ये कला

Dhanteras 2024 date and time: धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि और यमदेव की पूजा का शुभ मुहूर्त

सभी देखें

नवीनतम

23 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

23 अक्टूबर 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Rama ekadashi date time: रमा एकादशी कब है, क्या है इसका महत्व और कथा

Ahoi ashtami 2024: अहोई अष्टमी की पूजा क्यों करते हैं? जानें सही तिथि और पूजा विधि

Aaj Ka Rashifal: राशिफल 22 अक्टूबर, आज क्या कहती है आपकी राशि (पढ़ें 12 राशियां)

अगला लेख
More