हांगझोउ में एशियाई खेलों में जहां हजारों भारतीय खिलाड़ी खेलों के इतिहास का सुनहरा पन्ना लिखने की कोशिश में होंगे, वहीं कुछ सितारे ऐसे भी होंगे जो फिटनेस समस्याओं या अन्य कारणों से खेलों के इस कुंभ से बाहर होंगे।ये दिग्गज 2018 में जकार्ता एशियाई खेलों में भारत की झोली में पदक डाल चुके हें या ओलंपिक या विश्व चैम्पियनशिप जैसी बड़ी स्पर्धाओं में देश का परचम लहराया है।
पिछले एशियाई खेलों में 50 किलो फ्रीस्टाइल कुश्ती में स्वर्ण जीत चुकी पहलवान विनेश फोगाट इस बार भी पदक की दावेदार थी। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ हाल ही में पहलवानों के आंदोलन की अगुवाई करने वाली विनेश को एशियाई खेलों में सीधे प्रवेश मिला था।विनेश को अभ्यास के दौरान घुटने में चोट लगी और उसने अगस्त में आपरेशन कराया। ओलंपिक रजत पदक विजेता रवि दहिया 57 किलो वर्ग में जुलाई में हुए राष्ट्रीय ट्रायल के दौरान पहले दौर में अतीश तोडकर से हार गए। वह घुटने की चोट से जूझ रहे हैं।
पिछली बार रजत पदक जीतने वाली महिला हॉकी टीम की कप्तान रही रानी रामपाल भी इस बार नजर नहीं आयेंगी । वह भारत की अंडर 17 टीम को कोचिंग दे रही है और लंबे समय से खेल से बाहर हैं।फर्राटा धाविका हिमा दास भी हांगझोउ में नहीं दिखेंगी। वह जकार्ता में ऐतिहासिक स्वर्ण जीतने वाली चार गुणा 400 मीटर रिले टीम की सदस्य थी। उसने 400 मीटर दौड़ में भी रजत पदक जीता था। वह हैमस्ट्रिंग चोट के कारण एशियाई खेलों से बाहर है।
विश्व चैम्पियनशिप रजत पदक विजेता मुक्केबाज अमित पंघाल एशियाई खेलों के लिये क्वालीफाई नहीं कर सके । चयन ट्रायल में उनका प्रदर्शन खराब रहा और उनकी जगह दीपक भोरिया को शामिल किया गया।निशानेबाजी में 21 वर्ष के सौरभ चौधरी चयन ट्रायल में आठवें स्थान पर रहकर क्वालीफाई नहीं कर पाये जबकि पिछली बार उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता था।
जकार्ता में व्यक्तिगत जंपिंग में रजत पदक जीतने वाले घुड़सवार फवाद मिर्जा का भारतीय घुड़सवारी महासंघ ने चयन के मानदंडों पर खरे नहीं उतरने का हवाला देकर चयन नहीं किया।रियो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही जिम्नास्ट दीपा कर्माकर और दुनिया की पूर्व नंबर एक तीरंदाज दीपिका कुमारी भी चयन मानदंडों पर खरी नहीं उतरी।(भाषा)