अजय बर्वे
चैंपियंस ट्रॉफी में न्यूजीलैंड का प्रदर्शन अच्छा रहा है। अब तक हुए चैंपियंस ट्रॉफी में न्यूजीलैंड ने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया है। न्यूजीलैंड ने क्रिकेट प्रमियों को उस वक्त सबसे ज्यादा आश्चर्य में डाला जब उसने 2000 में आयोजित चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच में भारत के पहाड़ जैसे लक्ष्य को प्राप्त कर ट्रॉफी पर कब्जा किया। अब तक हुए चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड को करीब 3 बार ऑस्ट्रेलिया ने अलग-अलग स्तरों पर हराकर टूर्नामेंट से बाहर किया है। डालते हैं नजर चैंपियंस ट्रॉफी में न्यूजीलैंड के प्रदर्शन पर।
1998: टूर्नामेंट के प्रीलिमनरी क्वार्टर फाइनल में न्यूजीलैंड ने जिम्बाब्वे को 5 विकेट से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। क्वार्टर फाइनल में उसका सामना श्रीलंका से हुआ। श्रीलंका ने टॉस जीतकर न्यूजीलैंड को बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया। श्रीलंकन टीम के स्पिनर मुथैया मुरलीधरन की फिरकी और तेज गेंदबाजों की धार से न्यूजीलैंड बच नहीं पाई और मात्र 188 रनों का स्कोर ही बना पाई। जवाब में श्रीलंका ने इस स्कोर को 5 विकेट खोकर आसानी से प्राप्त कर लिया। इस हार के बाद न्यूजीलैंड की टूर्नामेंट में चुनौती खत्म हो गई।
2000: इस बार का टूर्नामेंट न्यूजीलैंड के लिए खिताबी जीत लेकर आया। क्वार्टर फाइनल में उसने जिम्बाब्वे को 64 रनों से हरा कर सेमीफाइनल में अपना स्थान पक्का किया। जहाँ उसका सामना पाकिस्तान से हुआ। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने न्यूजीलैंड को 252 रनों का लक्ष्य दिया। नाथन एस्टल, क्रेग मेकमिलन और टाउस के शानदार प्रदर्शन की बदौलत न्यूजीलैंड 4 विकेट से जीत हासिल कर फाइनल में पहुँचने में कामयाब हुआ।
फाइनल में उसका मुकाबला भारत से था। भारत की ओर से सौरव गांगुली के 117 और सचिन के 69 रनों के योगदान से न्यूजीलैंड को 264 रनों का लक्ष्य मिला। शुरुआत में लड़खड़ाते हुए न्यूजीलैंड की टीम हार की और बढ़ने लगी लेकिन क्रिस केर्न्स के शानदार शतक ने मैच का रुख बदल दिया और न्यूजीलैंड ने भारत के हाथों से ट्रॉफी छीन ली।
2002: पिछली बार की चैंपियंस टीम न्यूजीलैंड इस बार पूल मैचों में ही बाहर हो गई। पूल मुकाबलों के पहले ही मैच में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को 164 रनों से हरा दिया। इसके बाद न्यूजीलैंड का सामना बांग्लादेश से हुआ। न्यूजीलैंड ने इस मैच में 167 रनों से जीत दर्ज की लेकिन यह काफी नहीं थी। न्यूजीलैंड टूर्नामेंट से बाहर हो गया।
2004: इस बार भी ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को पिछली बार की तरह बाहर का रास्ता दिखा दिया। अपने पहले मैच में यूएसए को 210 रनों से हराने के बाद न्यूजीलैंड का सामना ऑस्ट्रेलिया से हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर न्यूजीलैंड को बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया, न्यूजीलैंड इस मौके का फायदा नहीं उठा पाई। ग्लैन मैग्राथ और कास्प्रोविच की शानदार गेंदबाजी के सामने न्यूजीलैंड की टीम 198 रनों पर पैवेलियन लौट गई। ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच 7 विकेट से जीत लिया।
2006: इस बार न्यूजीलैंड का पहला मैच दक्षिण अफ्रीका से हुआ। न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका को 195 रनों का लक्ष्य दिया। लेकिन दक्षिण अफ्रीका के लिए यह लक्ष्य भी काफी बड़ा साबित हुआ और उसकी पूरी टीम 108 रन पर पैवेलियन लौट गई।
इसके बाद न्यूजीलैंड का सामना श्रीलंका से हुआ इस मैच में भी न्यूजीलैंड का स्कोर कम रहा और पूरी टीम 165 रन ही बना सकी। श्रीलंका ने इस आसान लक्ष्य को मात्र 3 विकेट खोकर प्राप्त कर लिया। अपने अगले मैच में पाकिस्तान को 51 रनों से हरा कर न्यूजीलैंड ने समीफाइनल में जगह बनाई जहाँ उसका सामना फिर ऑस्ट्रेलिया से हुआ।
ऑस्ट्रेलिया के 240 रनों का पीछा कर रही न्यूजीलैंड की टीम 206 रनों पर सिमट गई और एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखा दिया।