बीरबल को बांस का टुकड़ा दिखाते हुए वह बोले, 'क्या तुम इस बांस के टुकड़े को बिना काटे छोटा कर सकते हो?’
बीरबल लतीफा सुनाता-सुनाता रुक गया और बादशाह अकबर की आंखों में झांका।
अकबर की कुटिलता देखकर बीरबल ने क्या किया...
बादशाह अकबर कुटिलता से मुस्कराए, बीरबल समझ गया कि बादशाह सलामत उससे मजाक करने के मूड में हैं।
अब जैसा बेसिर-पैर का सवाल था तो जवाब भी कुछ वैसा ही होना चाहिए था।
बीरबल ने कैसे ढूंढ़ा अपने सवाल का हल....
बीरबल ने इधर-उधर देखा, एक माली हाथ में लंबा बांस लेकर जा रहा था।
उसके पास जाकर बीरबल ने वह बांस अपने दाएं हाथ में ले लिया और बादशाह का दिया छोटा बांस का टुकड़ा बाएं हाथ में।
बीरबल का हाजिर जवाब, अकबर हुए खुश...
बीरबल बोला, 'हुजूर, अब देखें इस टुकड़े को, हो गया न बिना काटे ही छोटा।’
बड़े बांस के सामने वह टुकड़ा छोटा तो दिखना ही था।
निरुत्तर बादशाह अकबर मुस्करा उठे बीरबल की चतुराई देखकर।
( समाप्त)