मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 'प्रशासन में हिन्दी' विषय पर आयोजित विषय पर सत्र की अध्यक्षता की। सत्र में सत्यनारायण जटिया, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद मिश्र, डॉ. हरीश नवल, किरण जुनेजा, चंद्रकला पाडिया, मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कठिन शब्दावली प्रशासन को जनता से दूर करती है। उन्होंने आश्वस्त किया कि मध्यप्रदेश में जो सर्वश्रेष्ठ संभव होगा, वह किया जाएगा। चौहान ने कहा कि प्रशासन में हिन्दी का प्रयोग मानवाधिकार है। अंग्रेजी भाषा में पत्राचार मानवाधिकारों का हनन है। हिन्दी एकता का सूत्र है, ना कि विवादों की जड़। अनुवादक को विषय, समय और परिवेश के बोध के साथ अनुवाद करना चाहिए।
उन्होंने आश्वासन दिया कि हम सारे सुझावों पर गौर कर लागू करने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्राप्त होने वाले पत्रों का जवाब हिन्दी में ही दिया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मध्यप्रदेश में हिन्दी के विकास के लिए जो संभव होगा, वह सब किया जाएगा। मुख्यमंत्री के इस लोकप्रिय सत्र में सर्वाधिक सुझाव आए। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले इस सत्र में कल और आज सर्वाधिक उपस्थिति रही। कल 602 लोग उपस्थित थे। (वेबदुनिया)