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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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विश्व हिन्दी सम्मेलन, पहली बार युवाओं की भागीदारी

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भोपाल। दसवां विश्व हिन्दी सम्मेलन भारत की सांस्कृतिक नगरी भोपाल में 10 से 12 सितबंर, 2015 को विदेश मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन को भारत में आयोजित करने का निर्णय सितंबर 2012 में दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग शहर में आयोजित नौवें विश्व हिन्दी सम्मेलन में लिया गया था। 1983 के बाद लगभग 32 वर्षों के अंतराल पर भारत में विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन हो रहा है।
विश्व हिन्दी सम्मेलनों की परंपरा 1975 में नागपुर में आयोजित प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन से शुरू हुई। तब से इन सम्मेलनों ने एक वैश्विक स्वरूप और गति प्राप्त कर ली है। क्रमानुसार, नौ सम्मेलन विश्व के विभिन्न देशों में आयोजित किए जा चुके हैं, जिसमें मॉरीशस (पोर्ट लुई) में दो बार, भारत में नागपुर और नई दिल्‍ली में और पोर्ट ऑफ स्पेन (ट्रिनिडाड एंड टोबेगो), लंदन (यूके), पारामारीबो (सूरीनाम), न्यूयॉर्क (अमेरिका) तथा जोहान्सबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में एक-एक बार आयोजन किया गया है। इन सम्मेलनों ने हमेशा से ही हिन्दी स्नेही व्यक्तियों और प्रख्यात विद्वानों को आकर्षित किया है।
 
मध्यप्रदेश सरकार की सहभागिता से दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन का भव्य आयोजन भोपाल शहर के लाल परेड मैदान में विदेश एवं प्रवासी भारतीय कार्य मंत्री श्रीमती सुषमा स्‍वराज की अध्यक्षता में किया जा रहा है। मध्यप्रदेश राज्य सरकार सम्मेलन की स्थानीय आयोजक है और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सम्‍मेलन के मुख्य संरक्षक हैं। भोपाल स्‍थित माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय और अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्‍वविद्यालय सम्‍मेलन की सहभागी संस्थाएं हैं।
 
इस सम्मेलन के उद्घाटन तथा समापन सत्रों में देश-विदेश से लगभग 5,000 हिन्दी प्रेमियों के सम्मिलित होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त लगभग 2,000 प्रतिभागियों एवं आधिकारिक मंडल तथा मीडिया के सदस्यों के भाग लेने का भी अनुमान है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथसिंह समापन समारोह में मुख्य अतिथि होंगे और अमिताभ बच्‍चन विशिष्‍ट अतिथि रहेंगे।
 
इस बार विश्व हिन्दी सम्मेलन के महाकुंभ के दसवें पड़ाव को व्यापकता प्रदान करते हुए और इसकी परिधि का विस्तार करते हुए मुख्य विषय ‘हिन्दी जगत : विस्तार एवं संभावनाएं' के साथ बारह विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा जिसके भविष्य में दूरगामी एवं सार्थक परिणाम निकलकर सामने आएंगे। सम्मेलन में निर्धारित निम्नलिखित विषयों पर समानांतर सत्र चलेंगे -
 
* विदेश नीति में हिन्दी
* प्रशासन में हिन्दी विज्ञान क्षेत्र में हिन्दी
* संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी
* विधि एवं न्याय क्षेत्र में हिन्दी और भारतीय भाषाएं
* बाल साहित्य में हिन्दी
* अन्‍य भाषा भाषी राज्यों में हिन्दी
हिन्दी पत्रकारिता और संचार माध्‍यमों में भाषा की शुद्धता
* गिरमिटिया देशों में हिन्दी
* विदेशों में हिन्दी शिक्षण - समस्याएं और समाधान
* विदेशियों के लिए भारत में हिन्दी अध्ययन की सुविधा
* देश और विदेश में प्रकाशन: समस्‍याएं एवं समाधान
 
सम्मेलन के दौरान उपरोक्त क्षेत्रों में हिन्दी के सामान्य प्रयोग, विस्तार और संभावनाओं से संबंधित तौर-तरीकों पर गंभीर चर्चा की जाएगी। इन नए विषयों को सम्मिलित करने के पीछे मूल धारणा युवाओं की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित करना तथा हिन्दी भाषा के प्रयोग को रोजगारमूलक बनाना है। इसी को देखते हुए पहली बार युवाओं तथा विद्यार्थियों के लिए एक अलग श्रेणी बनाते हुए उनकी सम्मेलन में प्रतिभागिता सुनिश्चित की गई है। भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों के हिन्दी विभागों से अधिकाधिक छात्रों को इसमें सम्मिलित होने हेतु प्रोत्साहित किया गया है। 
 
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सम्मेलन के आयोजन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करने के लिए परामर्शदाता मंडल तथा प्रबंधन और कार्यक्रम से संबंधित समितियाँ गठित की गई हैं। परामर्शदाता मंडल एवं कार्यक्रम समिति की अध्यक्ष विदेशमंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज हैं। प्रबंधन समिति के अध्यक्ष माननीय विदेश राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. वीके सिंह हैं।
 
सम्मेलन स्थल पर दो विशेष प्रदर्शनियां लगाई गई हैं, जिनमें प्रतिभागियों के अतिरिक्‍त आम नागरिकों का भी स्‍वागत है। सम्‍मेलन के मुख्‍य विषय पर आधारित एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है जिसका समन्‍वय माखन लाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्‍वविद्यालय, भोपाल कर रहा है। यह प्रदर्शनी निम्‍न संस्‍थाओं की सहभागिता से आयोजित की जा रही है:-
 
* अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्‍वविद्यालय, भोपाल
* महात्‍मा गांधी अंतर्राष्‍ट्रीय हिन्दी विश्‍वविद्यालय, वर्धा
* केन्‍द्रीय हिन्दी संस्‍थान, आगरा
* राष्‍ट्रीय पुस्‍तक न्‍यास, भारत
* वेबदुनिया, इंदौर
* भारतकोश
* माइक्रोसॉफ्ट
* एप्‍पल
* गूगल
* सीडैक
 
इस प्रदर्शनी में हिन्दी के विस्‍तार और विकास यात्रा एवं भविष्‍य की संभावनाओं को डिजिटल माध्‍यम से प्रदर्शित किया गया है। साथ ही संचार एवं प्रौद्योगिकी और विज्ञान में हिन्दी के प्रयोग को अधिक बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में विभिन्‍न संस्‍थाओं जैसे गूगल, सीडैक, भारतकोश, माइक्रोसॉफ्ट, एप्‍पल इत्‍यादि की योजनाओं को प्रदर्शित किया जा रहा है।
 
'मध्‍यप्रदेश : शब्‍द वैभव' शीर्षक से एक अन्‍य प्रदर्शनी मध्‍यप्रदेश प्रशासन द्वारा सोमदत्‍त बखौरी प्रदर्शनी कक्ष में लगाई गई है जो मध्‍यप्रदेश के हिन्दी परिदृश्‍य में उसके गौरवशाली इतिहास को दर्शाती है। हिन्दी साहित्‍य में मध्‍यप्रदेश के अनुपम योगदान को भी अत्‍यंत रोचक रूप में दर्शाया गया है। 
 
एक दैनिक सम्मेलन-समाचार पत्र (सम्मेलन समाचार) और समानांतर सत्रों में हुई चर्चाओं और सुझावों के आधार पर एक सम्मेलन रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी। दैनिक सम्मेलन समाचार का प्रकाशन माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है।

सम्मेलन-रिपोर्ट के प्रकाशन का दायित्व महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा को सौपा गया है। इन विषयों के अतिरिक्त सामान्य प्रतिभागियों द्वारा आलेख प्रस्तुति की व्यवस्था भी की गई है। सत्रों के विषयों पर दी गई अनुशंसाओं के आधार पर तैयार रिपोर्ट भारत सरकार के संबंधित विभागों को विचार और क्रियान्वयन हेतु भेजी जाएगी।
 
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा प्रकाशित की जाने वाली हिन्दी पत्रिका 'गगनांचल' का एक विशेष अंक निकाला गया है, जो सम्मेलन को समर्पित है। इसके अतिरिक्‍त एक सम्‍मेलन स्‍मारिका तथा एक पुस्‍तक "प्रवासी साहित्‍य : जोहांसबर्ग से आगे” का भी विशेष रूप से प्रकाशन किया गया है जिसका विमोचन उद्घाटन समारोह में किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त डाक तार विभाग द्वारा जारी किए गए एक विशेष डाक टिकट का लोकार्पण भी किया जाएगा।
 
परंपरा के अनुरूप, सम्मेलन के दौरान, भारत एवं अन्य देशों से हिन्दी के विद्वानों को हिन्दी के क्षेत्र में उनके विशेष योगदान के लिए ‘विश्‍व हिन्दी सम्‍मान’ से सम्मानित किया जाएगा।
 
सम्मेलन के दौरान 10 व 11 सितंबर को संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा 12 सितंबर को एक कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं कवि सम्मेलन का समन्वय भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् द्वारा किया जा रहा है। सम्‍मेलन आयोजकों की ओर से प्रतिभागियों के लिए भोपाल स्‍थित मानव तथा जनजातीय संग्रहालयों के भ्रमण का भी प्रबंध किया गया है।
 
सम्मेलन आयोजकों का मुख्य उद्देश्य है कि यह सम्मेलन केवल एक घटना मात्र न रहे अपितु एक परिणाममूलक उपलब्धि बन सके और हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार को नई दिशा प्रदान करे।
 
सम्मेलन से जुड़ी जानकारी www.vishwahindisammelan.gov.in पर भी देखी जा सकती है। 

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